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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस कोटे से दो मंत्री आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव तथा राजद के सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली है। संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक अभी मंत्रिमंडल में आठ नए सदस्यों को शामिल किया जाना है, इसमें से झामुमो कोटे से पांच या छह और कांग्रेस कोटे से दो या तीन विधायकों को शामिल किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में मंत्रिमंडल विस्तार के पूर्व हेमंत सोरेन गठबंधन में शामिल कांग्रेस आलाकमान से विचार-विमर्श कर लेना चाहते है, ताकि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर किसी तरह की कोई नाराजगी ना रहे। कांग्रेस की ओर से सहमति मिल जाने के बाद हेमंत सोरेन अपनी पार्टी कोटे से भी पांच-छह सदस्यों के नाम को अंतिम रूप दे सकेंगे, ताकि क्षेत्रीय और सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में बना रहे।
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कांग्रेस कोटे से चर्चा है कि दो महिला विधायकों और कोल्हान निर्वाचित विधायक बन्ना गुप्ता को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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इन्हें किया जा सकता है शामिल…
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से मुस्लिम चेहरे के रूप में सरफराज अहमद या हाजी हुसैन अंसारी को स्थान मिल सकता है, वहीं कुर्मी जाति के प्रतिनिधि के रूप में जगरनाथ महतो या मथुरा प्रसाद महतो को हेमंत अपनी टीम में शामिल कर सकते है। वहीं उनके समक्ष सबसे बड़ी उलझन कोल्हान से निर्वाचित 11 विधायकों को लेकर है, इनमें वरिष्ठता के आधार पर चंपई सोरेन, जोबा मांझी और दीपक बिरूआ के नाम पर चर्चा है। जबकि पलामू प्रमंडल से भी झामुमो के निर्वाचित विधायक मिथिलेश कुमार ठाकुर को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा जोरों पर है।