भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लेकर काटा बवाल
इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि राज्य सरकार जन भावना के अनुरुप इस संशोधन विधेयक को निरस्त करें। उन्होंने कहा कि स्थानीय नियोजन नीति,सीएनटी और एसपीटी एक्ट जैसे कई संवेदनशील मुद्दे हैं। सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर सरकार ने जिस तरह संवेदनशीलता दिखा, इसी तरह भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर भी संवेदनशीलता जरुरी है। संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की ओर से जिन बातों को उठाया गया है, उन सवालों को लेकर राज्य सरकार भी गंभीर है और सरकार चाहती है कि सदन में चर्चा को और इन गंभीर विषयों पर समाधान का रास्ता निकले।
उन्होंने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों की भूमिका को नकारात्मक बताते हुए कहा कि यह विषय टीएसी की बैठक में आया था और टीएसी की बैठक में सहमति मिलने के बाद ही विधानसभा में चर्चा के लिए लाया गया लेकिन तब विपक्षी दलों ने इस पर चर्चा नहीं की। उन्होंने बताया कि जो संशोधन आया है उस पर टीएसी की बैठक में विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
विपक्षी बहा रहे घड़ियाली आंसू
संसदीय कार्य मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष घड़ियाली आंसू बहा रहा है और सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहा है। संसदीय कार्य मंत्री के इस वक्तव्य पर विपक्ष के कई सदस्य वेल में आकर शोर शराबा करने लगे। जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाहन 11ः00 बज कर 21 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12ः30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्ष ने किया हंगामा
विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर विपक्षी सदस्य अपनी बातों को लेकर शोर शराबा करने लगे, जबकि सत्ता पक्ष के विधायकों ने सुखाड़ पर चर्चा की मांग को लेकर अपने स्थान से खड़ा होकर सदन की कार्रवाई सुचारु रुप से चलाने की मांग करने लगे। पक्ष विपक्ष के सदस्यों के शोर शराबे के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने चालू वित्तीय वर्ष का प्रथम अनुपूरक बजट सभा पटल पर रखा। करीब 2596 करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट पर कल सदन में चर्चा होगी। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही कल पूर्वाह्न 11ः00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।