झारखंड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव द्वारा पूर्वाहन 11ः00 बजे आसन ग्रहण करने के साथ ही विपक्ष के कई सदस्य अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अपने स्थान पर खड़े हो गए। इस दौरान कांग्रेस के सुखदेव भगत ने छठी जेपीएससी परीक्षा को लेकर मंत्री अमर बावरी की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसा के विरुद्ध नियमों के परे जाकर परीक्षा लेने की बात कही।
उन्होंने कहा कि साल 2014—15 में इस परीक्षा के लिए फॉर्म भरा गया था लेकिन अब 2019 पहुंच गया है। लेकिन अब तक युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाया है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री अमर बावरी का एक वीडियो क्लिप भी उनके पास उपलब्ध है जिसके माध्यम से वह कह रहे हैं कि 9 लाख रुपए उनसे भी घूस की मांग की गई थी और यह राशि नहीं देने के कारण ही जेपीएससी में उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी।
विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुणाल षाड़ंगी द्वारा घटवाल जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने भाकपा माले के राजकुमार यादव मासस के अरूप चटर्जी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के दीपक बीरूआ की ओर से 15 नवंबर 2018 को प्लस टू शिक्षकों की नियुक्ति पत्र दिए जाने के मामले में भी दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इस मामले में सरकार से संज्ञान लेकर तत्काल नियुक्ति पर रोक लगाने और पोस्टिंग नहीं करने की मांग की विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने भरोसा दिलाया कि वह अपने स्तर से इस मामले को देखेंगे।