लालू प्रसाद की ओर से अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई। लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध किया और अदालत को यह जानकारी दी गयी कि लालू प्रसाद बीमारी नहीं बलिक राजनीतिक उद्देश्यों से जमानत चाहते है। लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से वे गुमसुम रह रहे है और बेचैनी महसूस कर रहे है। इसके अलावा लगातार ब्लड शुगर में भी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू यादव सामान्य से ज्यादा चिंतित दिख रहे हैं। लालू प्रसाद ने डॉक्टरों को कहा कि सुरक्षा और मेटल डिटेक्टर लगाए जाने के बाद पहरे के कैद में उन्हें अच्छा नहीं लग रहा। कड़ी निगरानी के कारण वह अपने वार्ड से बाहर तक नहीं जा पा रहे और काफी दबाव महसूस कर रहे हैं।
लालू प्रसाद के करीबी लोगों का कहना है कि पिछले कई लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वे अपनी पार्टी के अलावा बिहार की राजनीति के स्टार प्रचारक रहे है, ऐसे में चुनाव के दौरान भी उन्हें किसी से मिलने की अनुमति नहीं है और पेईंग वार्ड में भी सख्ती से जेल मैनुअल का पालन किया जा रहे है, इससे उनकी बेचैनी बढ़ गयी है, क्योंकि यह चुनाव आने वाले समय में बिहार में राजनीति की दिशा और दशा तय करेगा, ऐसे समय में लालू प्रसाद जेल में खुद को बेबस महसूस कर रहे है।
बताया गया है कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए लालू यादव के वार्ड में ही इको जांच की मशीन लाई गई। लालू यादव का कुछ वर्ष पहले मुंबई के एशियन हार्ट अस्पताल में वॉल्व बदला गया था। पीरियाडिक चेकअप के लिए इको जांच कराया गया, जिसमें हार्ट की स्थिति सामान्य पाई गई। जांच रिपोर्ट एशियन हार्ट मुंबई के डॉ रमाकांत पांडा को भी भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट सामान्य आने से डॉक्टर पूरी तरह से संतुष्ट हैं।