रांची

पैरों में छाले और सिर पर बोझ के साथ सामने है मीलों लंबा सफर

( Jharkhand News) पैरों में छाले पड़ गए, सिर पर रखे सामान के बोझ से हाथ कांप रहे हैं, भूखे-प्यासे सैकड़ों मजूदर अपने घर वापसी के लिए सैकड़ों किलोमीटर का (Thousands labourers are on road ) पैदल सफर कर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। झारखंड के करीब 3700 लोग दूसरे राज्यों में अटके हुए हैं। कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को लगभग 3700 लोगों की विस्तृत सूची सौंपी।
 

रांचीMar 28, 2020 / 09:02 pm

Yogendra Yogi

पैरों में छाले और सिर पर बोझ के साथ सामने है मीलों लंबा सफर

रांची(रवि सिन्हा): ( Jharkhand News) पैरों में छाले पड़ गए, सिर पर रखे सामान के बोझ से हाथ कांप रहे हैं, भूखे-प्यासे सैकड़ों मजूदर अपने घर वापसी के लिए सैकड़ों किलोमीटर का (Thousands labourers are on road ) पैदल सफर कर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। देश में लॉक डाउन की स्थिति होने के कारण झारखंड के करीब 3700 लोग दूसरे राज्यों में अटके हुए हैं। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जोकि अपने घर जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास में आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कृषि पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल ने मुलाकात की स कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को लगभग 3700 लोगों की विस्तृत सूची सौंपी जो लॉक डाउन की वजह से दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं ।
पुणे से युवक को लाएगी सरकार
कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि दुमका का एक युवक पुणे में फंसा हुआ है । उसकी मां का देहांत हो चुका है , लेकिन लॉक डाउन होने की वजह से वह वापस नहीं आ पा रहा है । मुख्यमंत्री है कहा कि युवक को पुणे से दुमका वापस लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से व्यवस्था की जाएगी ।
ज्यादातर हैं मजूदर
इनमें से ज्यादातर लोग मजदूर हैं। अब इन लोगों को भोजन समेत अन्य जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन होने की वजह से इन्हें वापस लाने में काफी दिक्कतें हैं। उन्हें सभी जरूरी और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार उन राज्यों की सरकारों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इसके लिए वरीय अधिकारियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी तय कर दी है । उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे बाहर फंसे लोगों की मिली सूचनाओं पर उन्हें त्वरित रूप से राहत देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं।
फंसे श्रमिकों पर चर्चा
मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बीच लॉक डाउन की वजह से राज्य के अंदर और दूसरे प्रदेशों में फंसे झारखंड के लोगो को हो रही परेशानियों पर भी चर्चा हुई। लोगों को कैसे और किस तरह राहत और उनकी मूलभूत जरूरतों को उपलब्ध कराया जाए, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। लोगों को लॉक डाउन की वजह से समस्या नहीं हो ,इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है और खुद इसकी मॉनिटरिंग भी कर रहा हूं ।
चारा की होगी व्यवस्था
कृषि मंत्री ने लॉक डाउन की वजह से राज्य में पशु चारा की घोर किल्लत से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया स उन्होंने कहा कि पशु चारा नहीं होने से पशुओं की जान पर आफत आ गई है । अत: पशु चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर आवश्यक कदम उठाया जाए । मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर बहुत जल्द अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करेंगे।
वेज फेड बेचेगा सब्जियां
मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री के इस विचार पर अपनी सहमति जताई कि वेज फेड के माध्यम से सरकारी दर पर और सब्जियों की बिक्री सुनिश्चित की जाए । मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बीच दुग्ध उत्पादकों से दूध की खरीदारी की व्यवस्था पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को किसी तरह का नुकसान नहीं हो और ना ही दूध की बर्बादी हो, इस दिशा में सरकार गंभीर है।
कोरोना वायरस से निपटने पर विचार विमर्श
मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बीच कोरोना वायरस के तीसरे स्टेज में आने की स्थिति में इससे निपटारे के लिए क्या व्यवस्था होनी चाहिए , इस पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों के साथ वेंटीलेशन की सुविधा वाले निजी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। साथ ही सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड में सारी तैयारियां पूरी कर लेने की भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
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