यूं होगा खर्चे का बंटवारा
मंत्रिपरिषद की बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव एस.के.जी. रहाटे ने पत्रकारों को बताया कि केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा एक संयुक्त उपक्रम का गठन किया जाएगा, इस एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार की ओर से 240 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि 51 प्रतिशत इक्विटी एयरपोर्ट अथॉरिटी का होगा, जबकि 49 प्रतिशत शेयर राज्य सरकार का होगा। संयुक्त उपक्रम के लिए कैपिटल एक्सपेंडीचर एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से किया जाएगा, जबकि ऑपरेशनल एक्सपेंडीचर
संचालन से प्राप्त होने वाले राजस्व से होता है, लेकिन प्रारंभ के दस वर्षों के लिए यह खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
24 को होगा भूमि पूजन
इस मौके पर परिवहन सचिव ने बताया कि विगत 10 जनवरी को अथॉरिटी के चेयरमैन और केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के सचिव भी झारखंड आएं थे और निर्माण कार्य के लिए पूरी सहमति बन चुकी है। उन्होंने बताया कि आगामी 24 जनवरी को इस एयरपोर्ट के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम भी निर्धारित किया गया है।
पहले चरण में इस एयरपोर्ट से 72 सीटर विमान उड़ान भर सकेंगे, उसके बाद 370 सीटों वाले एयर बस की भी सुविधा उपलब्ध होगी। अंग्रेजी शासनकाल से मौजूद इस एयरपोर्ट की लंबाई अभी 1745 गुणा 30 मीटर है। धालभूमगढ़ के बाद राज्य में अन्य क्षेत्रों में भी हवाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।