झारखंड के पत्थलगड़ी से प्रभावित गांवों के लिए बनी विशेष कार्ययोजना
खूंटी जिले के तीन प्रखंडों के दर्जनों गांवों में विकास के लिए अब स्थानीय प्रशासन की ओर से विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है

(रवि सिन्हा की रिपोर्ट)
रांची। झारखंड के खूंटी जिले के तीन प्रखंडों के दर्जनों गांवों में पिछले दो वर्षां के दौरान पत्थलगड़ी के कारण दर्जनों गांवों का अपेक्षित विकास नहीं हो सका। इन गांवों के विकास के लिए अब स्थानीय प्रशासन की ओर से विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है।
20 गांवों के लिए 200 नई योजनाएं
खूंटी के उपायुक्त सूरज कुमार ने बताया कि पत्थलगड़ी प्रभावित 20 गांवों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 200 नई योजनाएं बनाई गई है। जल्द ही ये योजनाएं धरातल पर नजर आएंगी और आने वाले समय में खूंटी पूरे झारखंड में विकास के मामले में नंबर वन जिला बनेगा।
निजी स्वार्थ के लिए क्षेत्र काे अशांति फैलाई
सूरज कुमार के अनुसार पत्थलगड़ी के कारणों की छानबीन में यह बात सामने आई है कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विकास का अपेक्षित लाभ नहीं पहुंचने का पत्थलगड़ी समर्थक नेताओं ने फायदा उठाया और निजी स्वार्थपूर्ति के लिए ग्रामीणों को भड़काकर क्षेत्र को अशांत करने की कोशिश की। इस दौरान इलाके में धड़ल्ले से अफीम की खेती की गई और इस कार्य में नक्सली संगठन पीएलएफआई का हाथ होने की बात भी सामने आई।
पत्थलगड़ी समर्थक कई नेता अब पुलिस की गिरफ्त में है। दूसरी तरफ ग्रामीण भी अब जागरुक हो चुके हैं और स्थानीय ग्रामीण अपने गांवों में संविधान को चुनौती देने वाले पत्थर को हटाने की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं पुलिस-प्रशासनिक महकमा भी अब लगातार विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर ग्रामीणों को विश्वास में लेकर विकास कार्यों जुटा है।
पुलिस प्रशासन की सख्ती का असर
कुछ दिनों पहले तक खूंटी के विभिन्न इलाकों से आए दिन पत्थलगड़ी का कार्यक्रम आयोजन होने की खबर मिल रही थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बाद अब पत्थलगड़ी का आयोजन बंद हो चुका है और पुलिस भी एक देश में दो कानून की बात करने वाले पत्थलगड़ी नेताओं को चिन्हित कर उन्हें जेल भेज रही है। जबकि ग्रामीण भी स्थानीय प्रशासन के साथ पूरा सहयोग कर विकास कार्यां में जुट गए हैं।
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