script

मंडल डैम परियोजना संघीय ढांच के लिए नजीर, अन्य राज्य सीख लें-प्रधानमंत्री

locationरांचीPublished: Jan 05, 2019 04:29:37 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्जमाफी के नाम पर किसानों को बरगलाने की कोशिश हो रही है…
 

pm modi

pm modi

(डालटनगंज/रांची): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कर्ज माफ करने के नाम पर आज कुछ लोग किसानों को बहला रहे, उन्हें बरगलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंडल डैम परियोजना से देश के अन्य राज्यों को भी कुछ सीख लेने की जरूरत है। प्रधानमंत्री शनिवार को झारखंड के पलामू जिले के डालटनगंज स्थित चियांकी एयरपोर्ट के निकट करीब 2500 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होने वाली मंडल डैम परियोजना के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने लगभग 1169 करोड़ की लागत से पूरी होने वाली सोन-कनहर पाईप लाईन जलाशय परियोजना के साथ ही कई अन्य जलाशय परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 25 हजार लाभुकों को पक्का मकान का सर्टिफिकेट सौंपा।


देश के किसानों को मिलना चाहिए परियोजनाओं का लाभ

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंचाई योजनाओं का लाभ देश के किसानों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी पानी को लेकर अड़ोस-पड़ोस के राज्यों में लड़ाई हो रही है, विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। जलाशय का पानी बह कर समुंदर में जा रहा है, इसे देश को नोटिस में लेना चाहिए और मंडल सिंचाई परियोजना से देश सीख लेने की जरूरत है, यह देश के लिए एक नजीर (उदाहरण) जलाशय का लाभ देश के किसानों को मिलना चाहिए, इस परियोजना के लिए बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्री और सांसदों को बधाई।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कुछ लोग कर्ज माफ करने के नाम पर किसानों को बहला रहे है, उन्होंने कभी कोयल परियोजना का नाम नहीं सुना होगा, जिनके नेतृत्व वाली सरकार के कारण वर्षों से यह सिंचाई परियोजना लटकी है। उन्होंने कहा कि करीब-करीब आधी सदी से लटके यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा हुआ होता, तो इस क्षेत्र के किसान कभी कर्जदार नहीं बनते, किसान कभी कर्ज में नहीं डूबता और उन्हें कर्जमाफी की जरूरत नहीं पड़ती,लेकिन पहले उन्हें कर्ज में डूबने के लिए मजबूर किया गया और आज वे लोग राजनीति करने के लिए निकल चुके है।


काम देख खुली रह गई विरोधियों की आंखें

नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार आयी, तब ऐसे-ऐसे कारनामों को देखकर आंखें खुली रह गयी। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार में सिर्फ उत्तर कोयल परियोजना ही नहीं, बल्कि अनेक सिंचाई परियोजनाएं ऐसी थी, जिनके बांध बन गये, लेकिन नहर नहीं बने, नहर बन गये, तो बांध नहीं बने और यदि बांध और नहर दोनों बन गये,तो उन्हें जोड़ने का काम नहीं किया, किसान मर रहा है, तो मरने के लिए छोड़ दिया गया, इस तरह का अन्याय किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि कार्यभार संभालते ही बड़ी परियोजनाओं की सूची बनायी, बजट में पैसों का इंतजाम किया, प्रधानमंत्री सिंचाई योजनाएं शुरू की। जिसके तहत वर्षां से लंबित 99 बड़ी परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है, ये परियोजनाएं ऐसी है, जो 30-30 और 40-40 वर्षों से अटकी पड़ी थी, कई परियोजनाओं की तो फाइलें भी गुम हो गई थी, ऐसी परियोजनाओं के लिए 90 हजार करोड़ यानी करीब एक लाख करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे है।

 

सिंचाई परियोजनओं से कई पीढियों को होगा फायदा

प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि उन्हें राजनीति ही करनी होती और वोट बैंक का हिस्सा बनाना होता, तो विभिन्न परियोजनाओं पर इतनी मेहनत करने की जरूरत ही नहीं होती, किसानों का सीधे कर्ज माफी कर देते, लेकिन इससे एक पीढ़ी का कर्ज माफ हो जाता, लेकिन सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो जाने से आने वाली कई पीढ़ियों को इसका फायदा मिलेगा। इससे किसान मजबूत हुए है। उन्होंने कहा कि आज चुनाव जीतने का खेल चल रहा है, इसलिए किसानों को मजबूर बना कर रखा गया, उसी व्यवस्था को बदलने की व्यवस्था चल रही है।


नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई तकनीक से किसानों का आय दोगुना हो सकेगा। उन्होंने कहा कि करीब 1200 करोड़ रुपये की सोन-कनहर सिंचाई योजना से लोगों को शुद्ध पेयजल के साथ सिंचाई की भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों का किसानों के प्रति क्या रवैया रहा है, उत्तर कोयल परियोजना इसकी गवाही दे रही है।


47 साल से खंडहर की तरह रही मंडल डैम योजना

मंडल डैम परियोजना 47 साल से अधूरी पड़ी रही, करीब आधी सदी तक यह परियोजनाएं खंडहर के रूप में अधूरी रही, अटकती-लटकती-भटकती रही। पिछले 25 साल से इस परियोजना का काम एक तरह से ठप्प ही पड़ा रहा।

 

देश को चुकानी होगी 80 गुना कीमत

प्रधानमंत्री ने पूछा कि बताईयें किसी बांध-जलाशय परियोजना को पूरी होने में आधी सदी लगनी चाहिए, सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए यह एक आपराधिक लापरवाही के सामान है, तत्कालीन सरकार के किसानों के साथ बेईमानी का यह सबूत है। उन्होंने कहा कि जिस परियोजना को सिर्फ 30 करोड़ में पूरा होता था,उसकी लागत 2400 करोड़ रुपये होगी, यानी करीब-करीब 80 गुणा ज्यादा कीमत देश की जनता को चुकानी होगी।


गुनाहगारों को मिलनी चाहिए सजा

नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे लोग समाज के गुनाहगार है, किसानों के गुनाहगार है, जनत के गुनाहगार है, बिहार-झारखंड के गुनाहगार है,ऐसे गुनाहगारों को सजा मिलनी चाहिए या नहीं। उन्होंने लोगों से पूछा कि ऐसे लोगों के खिलाफ मोदी को लड़ना चाहिए या नहीं,बताया जाएं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों को सिर्फ वोट बैंक नहीं, अन्नदाता को मान कर उनके हितों को ध्यान में रखकर ईमानदारी से काम कर रही है।

ट्रेंडिंग वीडियो