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भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ विपक्ष का महाधरना, विपक्षी नेताओं ने बताया काला कानून

locationरांचीPublished: Jul 17, 2018 03:02:49 pm

Submitted by:

Prateek

महाधरना में मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, भाकपा-माले, माकपा, भाकपा समेत अन्य विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्त्ताओं ने हिस्सा लिया…

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रवि सिन्हा की रिपोर्ट…

(रांची): भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून के खिलाफ संपूर्ण विपक्षी दलों द्वारा एकजुटता प्रदर्शित करते हुए राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया गया। इस महाधरना में मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, भाकपा-माले, माकपा, भाकपा समेत अन्य विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्त्ताओं ने हिस्सा लिया।


सोमवार को आयोजित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लाकर जनता के ऊपर काला कानून का थोपने का काम किया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बातों को रख रहे है और जब तक बिल वापस नहीं हो जाता, तब तक यह लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगा।


सीएम को हटाने तक जारी रहेगी लडाई-कांग्रेस

इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने विकास के नाम पर हजारों एकड़ जमीन को कब्जा कर रखा है, एचईसी से हजार एकड़ जमीन ले लिया गया। उन्होंने कहा कि आज भी समय-समय पर सार्वजनिक कार्यक्रमों मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने आप को मजदूर कहते हैं , जनता उन्हें वापस मजदूरी के लिए टाटा स्टील भेज देगी। झारखंड विकास मोर्चा के विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने झारखंड की जमीन लूट के लिए भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को गद्दी से हटाने तक लड़ाई जारी रहेगी।


जारी रहेगा संघर्ष

माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के खिलाफ राज्य की जनता ने एक होकर लड़ाई लड़ी,जिसके कारण सरकार को उस काले कानून को वापस लेना पड़ा, अब भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लाकर सरकार पीछे के दरवाजे से जमीन अधिग्रहण का काम करवा रही है, इज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर गरीब किसानों व आदिवासियों की जमीन ली जा रही है, इसके खिलाफ भी मिलकर संघर्ष जारी रखा जाएगा।


आनन-फानन में लागू हुआ विधेयक-भाकपा

भाकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर विधानसभा में पूरी तरह से चर्चा के बिना इसे आनन-फानन में पारित करा कर राष्ट्रपति से मंजूरी ले लिया गया। कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ जंग जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि भ्रम फैलाना मुख्यमंत्री का काम है, क्योंकि इनकी नियत में ही खोट है। उन्होंने कहा कि पांच हजार स्कूलों को बंद कर दिया गया और अब सरकार कहती है कि स्कूल के लिए जमीन चाहिए। भाकपा-माले के पूर्व विधायक विनोद सिंह ने कहा पिछले एक माह में सरकार के खिलाफ राज्य की जनता सड़क पर उतरी है और जब तक बिल को वापस नहीं लिया जाएगा, लड़ाई जारी रहेगी।

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