रांची में मिशनरी संस्था द्वारा संचालित बाल गृह सेचार नवजात को बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार की ओर से इन संस्थाओंको मिलने वाले विदेशी फंड और उसके उपयोग को लेकर छानबीन शुरू की गई थी। सीआईडी ने 2013 से तीन साल के भीतर में कुल 265 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करने वाले 88 गैर सरकारी संगठनों को नोटिस दिया था। जिसमें इन एनजीओ से पूछा गया था कि क्या वे विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए प्रासंगिक कानून के तहत पंजीकृत है या नहीं, साथ ही उनके पदाधिकारियों का विवरण, विदेश सहित धन का स्रोत और बीते पांच साल के खर्च व आय का विवरण व अन्य जानकारियां मांगी गई हैं। इन एनजीओ ने 265 करोड़ रुपये की राशि 2013 से 2016 के बीच प्राप्त की है, जिसके बाद विशेष (खुफिया) शाखा ने 2016 में आशंका जाहिर की थी कि विदेशी धन का दुरूपयोग राज्य के विभिन्न हिस्सों में जमीन की खरीद किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सीआईडी को विदेश से धन प्राप्त करने वाले इन एनजीओ के खिलाफ यह भी शिकायत मिली है कि एनजीओ ने कथित तौर पर वार्षिक आयकर दाखिल नहीं किया और इन्होंने अपने आय व खर्च के स्रोत को छिपाने का भी शिकायत मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीआईडी ने रांची में 38 एनजीओ के ठिकानों में सर्वे और छापेमारी की, वहीं राज्यभर में 88 एनजीओ के ठिकानों छानबीन की। इस छानबीन में दौरान क्या-क्या पाया गया यह भी सामने नहीं आ पाया है। सीआईडी सूत्रों के अनुसार जांच अभी लंबी चलेगी। जांच पूरा होने के उपरांत ही पूरी जानकारी दी जाएगी। सीआईडी के एक अधिकारी ने बताया कि डीएसपी स्तर के अधिकारी इस जांच टीम में शामिल हैं। उनकी मदद के लिए एक इंस्पेक्टर और स्थानीय थाने को भी भेजा गया है।