बेसहारा हुआ परिवार
यह घटना राजधानी रांची से करीब 35 किलोमीटर दूर चान्हो थाना क्षेत्र के पतरातू गांव की है। गांव के 42 वर्षीय किसान लखन महतो ने शुक्रवार को अपने खेत में बने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि लखन शुक्रवार सुबह से गायब था और शाम को जब घर नहीं लौटा, तो उसकी खोजबीन शुरू की गई, लेकिन रातभर उसका कुछ पता नहीं चला और शनिवार सुबह ग्रामीणों ने उसकी लाश उसी कुएं में देखी, जिसे बनवाने के लिए उसने दिन-रात एक कर दिया था। मृतक किसान लखन महतो अपने पीछे तीन बेटे, पत्नी और बूढ़ी मां को छोड़ गया है।
भुगतान के लिए काटे चक्कर, मिली मौत!
farmer suicide Case” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/27/wa_4896874-m.png”>परिजनोें का कहना है कि इस कुएं के निर्माण के लिए लखन महतो ने गांव के ही कुछ लोगों व अपने रिश्तेदारों से सहायता ली थी, लेकिन कर्ज नहीं लौटा पाने के कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान चल रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ महीने पहले ही मनरेगा के तहत कुंआ का निर्माण हो चुका था, लेकिन रकम भुगतान नहीं होने से वह कइ दिनों से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहा था।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
होता समय से भुगतान, बर्बाद न होता परिवार
किसानों की दशा सुधारने के लिए सरकार अनेक योजनाएं लाने और कई काम करने के दावें कर रही है। पर ऐसी घटनाएं सरकार की हर व्यवस्था को आयना दिखा रही है। किसानों की आत्महत्या की ख़बरें रोज सामने आती रहती है। ऐसी गंभीर घटनाएं सामने आने के बाद भी जिम्मेदारों को अपने कर्तव्य का बोध नहीं होता। अगर प्रखंड कार्यालय द्धारा समय रहते लखन महतो का भुगतान कर दिया जाता तो एक परिवार बर्बाद होने से बच जाता।