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बंद के दौरान सीसीटीवी कैमरे से रखी जाएगी उपद्रवियों पर नजर, 5000 सिपाही होंगे सुरक्षा के लिए तैनात

locationरांचीPublished: Jul 04, 2018 03:11:31 pm

Submitted by:

Prateek

भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों के 5 जुलाई को एकदिवसीय झारखंड बंद को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है…

jharkhand police

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रवि सिन्हा की रिपोर्ट…

(रांची): भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों के 5 जुलाई को एकदिवसीय झारखंड बंद को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। गृह सचिव एसकेजी रहाटे और पुलिस महानिदेशक डी.के. पांडेय ने बुधवार को रांची में संवाददाता सम्मेलन में बंद के दौरान उपद्रवियों से निपटने के लिए पांच हजार से अधिक संख्या में पुलिस बलों की तैनाती दंडाधिकारियों के नेतृत्व में की गयी है और इस दौरान उपद्रवियों की गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी।

 

पुख्ता सुरक्षा इंतजाम

इसके साथ ही तोड़फोड़ के लिए भड़काने वालों की गतिविधियों पर मोबाइल सर्विलांस के जरिये भी नजर रखी जाएगी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि 5000 जवानों के अलावा रैफ की दो कंपनियां, रैप की छह कंपनियां और 3100 होमगार्ड के जवानों के साथ-साथ टीयर गैस एवं राईट कंट्रोल यूनिट की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है। उन्होंने बताया कि संभी संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी रखते हुए आवश्यकतानुसार बलों की प्रतिनियुक्ति करते हुए उनसभी संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था के साथ ही वॉचरों को भी प्रतिनियुक्त किया जा रहा है। बंद के दौरान मोटरसाईकिल दस्ता भी उपद्रवियों पर नजर रखेगा। डीजीपी ने बताया कि सभी पीसीआर वाहन और थानों के मोबाइल व जिला बल को माइक सेट, विडियो कैमरा, टीयर गैस, गन ,कारतूस व अन्य साजो‘सामान से लैस रहने का आदेश दिया गया है।

 


सरकारी संपत्ति का नुकसान होने पर राजनीतिक दल से वसूली जाएगी राशि

इस मौके पर गृह सचिव सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा शैलेश कुमार सिंह बनाम झारखंड राज्य मामले में 3 दिसंबर 2003 को यह निर्देश एक विशेष राजनीतिक दल को दिया गया कि उनके द्वारा बंद का आह्वान करना और जबर्दस्ती करना, असंवैधानिक एवं विनाशकारी कार्य है। उन्होंने बताया कि उक्त राजनैतिक दल को बंद या इस तरह की कार्रवाई से दूर रहने को कहा गया है और यह रोक अभी जारी है। एसकेजी रहाटे ने बताया कि एक अन्य मामले में वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय ने बंद के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने का आदेश दिया, साथ ही यह भी निर्देश दिया कि इस दौरान किसी प्रकार की निजी अथवा सरकारी संपत्ति का नुकसान होता है, तो बंद का आह्वान करने वाले राजनैतिक दलों से क्षति-पूर्ति वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन आदेशों के उल्लंघन को उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन मानते हुए उपद्रवियों पर अवमाननावाद भी चलाया जाएगा। गृह सचिव ने यह भी कहा कि पारंपरिक हथियार के साथ बंद में निकलना भी गैरकानूनी है।

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