ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गांव-गांव तक संपर्क रास्ता बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपए का कर्ज नाबार्ड से लिया जा रहा है, इससे 15000 किमी सड़क बनाई जाएगी।
नाबार्ड रांची के मुख्य महाप्रबंधक शरद झा ने बताया कि नाबार्ड के पास आधारभूत संरचना विकास के लिए एक विशेष कोष होता है, इसके माध्यम से नाबार्ड द्वारा अब तक राज्य सरकार को दस हजार करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधा, सड़क, कृषि, सिंचाई, पेयजल और स्वास्थ्य समेत अन्य सामाजिक क्षेत्रों में विकास के काम किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने के लिए प्रस्ताव आया है, इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए सहायता मांगी गई है, लेकिन अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है।
इधर, ग्रामीण विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए नाबार्ड से 1500 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने को लेकर बातचीत हुई है। हालांकि इस संबंध में अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। आने वाले समय में अनुसूचित जनजाति-जाति 250 आबादी वाले और 500 आबादी वाले अन्य गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना है। ये योजनाएं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बन रही सड़क से अलग होगी। 2000 में राज्य गठन के बाद से अब तक राज्य योजना से 20 हजार किमी से अधिक ग्रामीण सड़क का निर्माण कराया जा चुका है, जबकि पिछले साढ़े तीन वर्षों में करीब 2000 किमी से अधिक सड़क कराया जा सका है। नाबार्ड से ऋण उपलब्ध हो जाने के बाद इस काम में तेजी आएगी।