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नम आंखों से दी शहीदों को अंतिम विदाई, उमड़ा जन सैलाब

locationरांचीPublished: Jun 28, 2018 03:05:42 pm

Submitted by:

Shailesh pandey

नक्सलियों का मुकाबला करते शहीद हुए जवानों को उनके पैतृक गांव में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई

ranchi photo

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(रवि सिन्हा की रिपोर्ट)
रांची। झारखंड में लातेहार-गढ़वा के सीमावर्ती इलाके भंडरिया थाना क्षेत्र के बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों का मुकाबला करते शहीद हुए जवानों को उनके पैतृक गांव में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। दुमका निवासी शहीद झारखंड जगुआर के जवान परमानंद चौधरी का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके घर पर लाया गया। जहां सैंकड़ों लोगों ने उनका अंतिम दर्शन किया और अश्रुपूर्ण नेत्रों से विदाई दी। बाद में दुमका पुलिस लाइन में शहीद परमानंद चौधरी को अंतिम सलामी दी गई। इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी तथा पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने उसके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके परविार में बूढी मां, एक दो वर्ष की बेटी अर्पिता और पत्नी रूबी चौधरी है।
शहीद को किया नमन

इधर, पलामू के कुंदन कुमार सिंह को आज सुबह में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। हुसैनाबाद के लोगों ने शहीद को नमन किया और श्रद्धांजलि दी। हुसैनाबाद के कामगारपुर पंचायत के गमहरबिगहा निवासी और झारखंड जगुआर के एसाल्ट 40 के जवान कुंदन कुमार सिंह का पार्थिव शरीर कल रात उसके पैतृक गांव पहुंचा। शव के अंतिम दर्शन के लिए रात से ही लोग गमहर बिगहा पहुंचने लगे थे। सुबह करीब नौ बजे कुंदन की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह, पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता कामेश्वर कुशवाहा, हुसैनाबाद नगर पंचायत के अध्यक्ष शशि कुमार, पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर राम, हुसैनाबाद एसडीपीओ मनोज कुमार महतो, थाना प्रभारी रासबिहारी लाल के अलावा सैकड़ों ने भाग लिया। गांव में मुक्ति धाम पर कुंदन का राजकीय सम्मान के साथ संस्कार किया गया।

75 वर्षीय पिता ने दी मुखग्नि


इससे पूर्व हुसैनाबाद पुलिस ने कुंदन के पार्थिव शरीर को सलामी दी। बाद में घाट पर पहुंचे लोगों ने भी बारी-बारी से शहीद के पार्थिव शरीर पर फूल अर्पित किया। शहीद कुंदन सिंह के पिता 75 वर्षीय सुरेश सिंह ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। कुंदन के तीन भाई और दो बहन हैं। नक्सली हमले में शहीद अन्य जवानों को भी उनके पैतृक गांव में अश्रुपूर्ण नेत्रों से अंतिम विदाई दी गई और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि संपन्न हुआ।

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