मुख्य निर्वाचन आयुक्त बुधवार को रांची में निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा के नेतृत्व में आयोग की पूरी टीम के साथ दो दिनों तक झारखंड में लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि दो दिवसीय दौरे के क्रम में आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनके मुद्दों और सरोकारों को समझा। आयोग ने सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षकों के कार्यों की समीक्षा की। साथ ही मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही चुनाव प्रबंधन संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। आयोग ने विभिन्न प्रवर्त्तन एजेंसियों के साथ कार्य नीति पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों ने मांग की है कि राज्य में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित किया जाए और प्रत्याशियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। कुछ राजनीतिक दलों ने पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में चुनाव, झारखंड के चुनाव के साथ कराये जाने और चुनाव से जुड़े अधिकारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित कराने की मांग की। साथ ही तीन साल से अधिक एक ही स्थान पर तैनात सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन की मांग की। कुछ दलों ने मांग की है कि चुनाव में काले धन के उपयोग पर अंकुश लगाया जाए। आयोग की ओर से सभी राजनीतिक दलों की चिंताओं और सुझाव को ध्यान में रखते हुए उन्हें आश्वस्त किया गया है कि आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूण, पारदर्शी और समावेशी निर्वाचन के लिए संकल्पबद्ध है।
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पूर्व में आयोग की ओर से जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।