छुक-छुक की आवाज के साथ सभी के दिलों की धड़कनें तेज हो गई। ट्रेन के रफ्तार पकड़ते ही सबकी प्रसन्नता का कोई ठिकाना नहीं रहा। चेहरों पर रौनक और चमक के साथ खुशी का यह कोलाहाल उन १२०० श्रमिकों का था, जिन्होंने लॉक डाउन के दौरान बड़ी मुश्किलों से तंगहाली में बड़ी मुश्किलों से अपने दिन गुजारे। आखिरकार उनकी मुराद पूरी हुई। तेलंगाना सरकार के विशेष अनुरोध पर केंद्र सरकार की मध्यस्था से रेलवे ने श्रमिकों झारखंड पहुंचाने के लिए एक विशेष ट्रेन का इंतजाम किया। यह ट्रेन शुक्रवार को इन श्रमिकों को लेकर तेलंगाना से रवाना हुई। लॉक डाउन के कऱीब 40 दिन बाद तेलंगाना में फँसे प्रवासी मज़दूर इस स्पेशल ट्रेन में आज सुबह 5 बजे झारखंड के लिए रवाना हुए। रेलवे द्वारा तैयार किए गए शेड्यूल के अनुसार आज रात 11 बजे तक मज़दूर झारखंड के राँची जिले स्थित हटिया पहुँचेगी।
तेलंगाना राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के आपसी सहयोग से प्रवासी मज़दूरों के लिए आज सुबह 24 कोच की एक नॉन-स्टॉप स्पेशल ट्रेन शुरू हुई। राज्य सरकार की विशेष विनती पर भारतीय रेल विभाग द्वारा प्रवासी मज़दूरों के लिए शुरू की गई यह पहली स्पेशल ट्रेन है। गौरतलब है कि आईआईटी हैदराबाद में काम करने वाले हज़ारों प्रवासी मज़दूरों ने कुछ दिन पहले हैदराबाद के पड़ोसी जिले संगारेड्डी में प्रदर्शन किया था। कोरोना महामारी के बीच वे तेलंगाना में फँसे हुए थे, और उन्हें अपने घर लौटना था। इसी माँग के साथ वे सड़कों पर उतर आए थे। मगर उन्हें यह अंदाज़ा भी नहीं था कि सरकार उनकी इस माँग को स्वीकार कर, मज़दूर दिवस के अवसर पर उन्हें यह सरप्राइज देगी।
बुधवार को संगारेड्डी में प्रवासी मज़दूरों द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद, गुरुवार को गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय ने इस मुदï्दे पर बैठक की। बैठक में मज़दूरों को उनके घर भेजने के लिए तेलंगाना से झारखंड तक एक विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया। 24 कोच की यह विशेष ट्रेन तेलंगाना में फँसे प्रवासी मज़दूरों को तेलंगाना के लिंगम्पल्ली से झारखंड के हटिया ले जाएगी। यह ट्रेन नॉन स्टॉप है और केवल रेलवेकर्मी दल बदलने तथा इंधन और पानी भरने के लिए ही रुकेगी।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता आरडी वााजपेयी ने बताया कि कोरोना महामारी के बीच चलायी जा रही इस ट्रेन को शुरू करने से पहले सभी सावधाइयाँ बरती गई हैं। ट्रेन को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है और सभी मज़दूरों की स्क्रीनिंग भी करायी गई है। स्टेशन और ट्रेन में भी सोशल डिस्टन्सिंग का पालन किया गया। एक कोच में जहाँ 72 लोग बैठ सकते हैं, वहाँ 54 मज़दूरों को ही बिठाया गया। इस ट्रेन को चलाने में लॉक डाउन के सभी नियमों का पालन किया गया है।
रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक अभी केवल इसी रेल को चलाने की इजाज़त दी गई है। इसके बाद जिस राज्य से ले जाया जाएगा और जहाँ जाना है उन राज्यों की अनुमति से ही अन्य ट्रेनें चलाने के बारे में सोचा जाएगा। यह विशेष ट्रेन महाराष्ट्र के बल्लारशाह और नागपुर से होते हुए रायपुर और फिर झारखंड पहुँचेगी। ट्रेन को प्लेटफार्म पर लाने से पहले सभी कोचों को अच्छी तरह से सैनिटाइज किया गया और सोशल डिस्टन्सिंग को बनाए रखने के लिए रेल्वे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) को भी तैनात किया गया है। ट्रेन में मज़दूरों को लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है।