पलामू टाइगर रिजर्व प्रशासन ने आशंका जतायी है कि नीलगाय से लड़ाई की वजह से बाघिन की मौत हुई होगी। बाघिन की उम्र करीब 14 साल बतायी गयी है।
पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक और उपनिदेशक मौके पर पहुंच गये हैं। मामले की जांच के लिए रांची से एक्सपर्ट की टीम को बुला लिया गया है। दिल्ली से भी विशेषज्ञों का एक दल बेतला नेशनल पार्क आयेगा और मामले की अपने स्तर से जांच करेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम जब पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क में वन विभाग की टीम रुटीन जांच से लौट रही थी तभी अचानक बाघ दिखा । निदेशक वाईके दास ने बताया की जीप के ड्राइवर ने बाघ को सबसे पहले देखा था, बाघ देखते ही जीप रोक दी गई और इंतजार किया जाने लगा लेकिन बाघ ने हरकत नहीं की तो शक हुआ जब जांच टीम ने उतर कर देखा तो बाघिन मरी हुई मिली । इस खबर ने वन्य जीव प्रेमियों को बडा झटका दिया । पीटीआर की टीम ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी खबर दी ।
दिल्ली में भी इसकी खबर कर दी गई । माना जा रहा है की नीलगाय या किसी अन्य जंगली जानकारोंसे हुई लड़ाई में बाघिन की जान चली गई । हांलाकि ये शुरुआत जांच है और पोस्टमार्टम के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट आएगी ।
टाइगर रिजर्व में हाल के दो दशक में पहली बार किसी बाघिन की मौत की खबर मिली है। हालांकि पहले यह भी सवाल उठते रहे है कि इस टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या काफी कम हो गयी है। गौरतलब है कि नीलगाय और अन्य जंगली जानवरों से आसपास अवस्थित रहने वाले गांवों में भी खतरा बना रहता है।