script14 साल के चतुर्भुज का आईआईटियन अवतार, जानिए कैसे पहुंचे इस मुकाम तक | Youngest IIT Engineer: Admission To ISM IIT Dhanbad At The Age Of 14 | Patrika News

14 साल के चतुर्भुज का आईआईटियन अवतार, जानिए कैसे पहुंचे इस मुकाम तक

locationरांचीPublished: Aug 02, 2019 06:41:09 pm

Submitted by:

Brijesh Singh

oungest IIT Engineer: राजस्थान के डीग भरतपुर के रहने वाले 14 वर्ष 11 माह की उम्र के चतुर्भुज ने धनबाद के आईएसएम आईआईटी ( ISM IIT ) में प्रवेश लिया।

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14 साल के चतुर्भुज बने आईआईटी इंजीनियर

रांची (रवि सिन्हा)। राजस्थान के डीग, भरतपुर स्थित खटीक मुहल्ले के रहने वाले 14 वर्ष 11 माह की उम्र के चतुर्भुज देश के 23 आईआईटी संस्थानों में से एक धनबाद के आईएसएम आईआईटी ( Ism IIT ) से कम उम्र के आईआईटी इंजीनियर बनने की दिशा में बढ़ चुके हैं। चतुर्भुज ने धनबाद स्थित आईएसएम आईआईटी में चालू शैक्षणिक सत्र में सबसे कम उम्र के आईआईटियन ( Iitian ) के रूप में दाखिला लिया है।

साधारण परिवार से है ताल्लुक

चतुभुर्ज एक साधारण परिवार से जुड़े हुए हैं और महज 14 वर्ष 11 माह की आयु में ही उसने आईआईटी जैसी प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर एशिया के प्रतिष्ठित खनन शिक्षण संस्थान आईएसएम आईआईटी धनबाद ( ISM IIT dhanbad ) में दाखिला लिया। चतुर्भुज के पिता का एक छोटा सा कबाड़ का व्यवसाय है। उनके दादाजी एक शिक्षक रह चुके हैं। चतुर्भुज की पढ़ाई का जिम्मा उनके दादाजी ने अपनी पेंशन के दम पर उठा रखा है। चतुर्भुज ने कहा कि उन्हें पता है कि गरीबी क्या होती है। उन्होंने और उनके परिवार ने उसे जीया है।

पहले प्रयास में ही क्रैक किया जेईई एडवांस
चतुर्भुज ने 2017 में मैट्रिक और 2019 में 12 वीं के बाद पहले प्रयास में ही जेईई एडवांस ( JEE ADVANCE ) में सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए काफी मेहनत किया करते थे। जब मौका मिलता, वह अपनी तैयारियों में जुट जाता। चतुर्भुज का मानना है कि किसी चीज को हासिल करने के लिए उम्र मायने नहीं रखता, बस आपकी इच्छा शक्ति, मेहनत और लगन की जरूरत होती है। वहीं इन्डियन स्कूल ऑफ माइंस ( Indian School of Mines ) आईआईटी के अधिकारी भी ऐसे मेधावी छात्र के यहां प्रवेश लेने से काफी उत्साहित और गौरवान्वित हैं। संस्थान के रजिस्टार डॉ. प्रमोद माथुर ने कहा कि उन्हें लगता है कि वे जितने कम उम्र में ये यहां से पारंगत होकर निकलेंगे, उतना ही ज्यादा समय देश निर्माण में दे सकेंगे।

सत्यम कुमार हैं सबसे कम उम्र के आईआईटियन
गौरतलब है कि सबसे कम उम्र में आईआईटियन बनने का गौरव बिहार के भोजपुर जिला के रहने वाले सत्यम कुमार को प्राप्त है। वैसे तो सत्यम ने वर्ष 2012 में ही, जब वह महज 12 वर्ष का था, तभी इस प्रवेश परीक्षा को पास कर चुका था लेकिन इन्हें अपनी उम्र के कारण एक वर्ष का इंतजार करना पड़ा और एक साल बाद पुनः 2013 में उसने प्रवेश परीक्षा पास की और सबसे कम उम्र के आईआईटियन बनकर उभरे।

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