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राहु-केतु का 18 साल बाद राशि परिवर्तन, करे ये काम भिखारी बन जाएंगे राजा

locationरतलामPublished: Feb 28, 2019 11:11:25 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

राहु-केतु का 18 साल बाद राशि परिवर्तन, करे ये काम भिखारी बन जाएंगे राजा

रतलाम। 2019 में राहु और केतु अपना-अपना घर बदल लेंगे। राहु कर्क राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। राहु शनि एक साथ दृष्टि संबंध होने से कहर बरस सकता है। केतु मकर से धनु राशि में जाएगा। ये परिवर्तन 6 मार्च 2019 रात्रि के समय होगा, जो 22 सितंबर 2020 तक रहेंगे। राहु लगभग 18 माह तक एक राशि पर रहते है इसी कारण इसके पहले राहु और केतु का 18 साल जुलाई 2000 में राहु मिथुन ओर केतु धनु राशि पर आए थे।
ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया कि राहु और केतु को काली छाया ग्रह माना जाता है, राहु-केतु की काली छाया अगर इंसान की जि़न्दगी पर पड़े तो इंसान की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और बहुत सारी मुसीबत खड़ी हो जाती हैं, लेकिन कभी-कभी जब राहु-केतु की शुभ दृष्टि पड़ती है तो इंसान अचानक भिखारी से राजा भी बन सकता है, राहु को शनि का ख़ास मित्र माना जाता है और केतु मंगल का मित्र माना जाता है।
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पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता

राहु-केतु हरदम वक्री यानि उल्टी चाल से ही चलते हैं।् राहु-केतु सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में बुरा असर डालते हैंए यानी विद्यार्थियों पर सबसे पहले परेशानी आती हैण् पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता है। विद्यार्थी किताब कॉपी से दूर भागते हैं। राहु .केतु का प्रभाव पड़ता हैए तो पढऩे वाले बच्चे आलसी हो जाते हैंण् उनको नींद बहुत आती हैण् सुबह देर तक सोते हैं
राशियों पर ऐसा रहेगा प्रभाव
शुभ- मेष, सिंह, कन्या, धनु
अशुभ – वृषभ, मिथुन, कर्क तुला
मिश्रित- वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन

व्यापारियों के लिए सुखद, राजनीतिज्ञों को भी राहत
पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया कि सामान्यतरू ये राशि परिवर्तन जहां व्यापारियों के लिए सुखद स्थिति बनाएगा, वहीं राजनीतिज्ञों को भी राहत देगा। इस परिवर्तन का सबसे बड़ा लाभ यह रहेगा कि समस्त असामान्य स्थिति में स्थिरता बनेगी व तरक्की के नए आयाम बनेंगे। यह बदलाव प्रत्येक राशि के अनुसार अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा।

शनि के साथ केतु रहेंगे
राहू मिथुन राशि में रहेंगे जो उसकी मित्र राशि है। मिथुन राशि का स्वामी बुध है। गं्रथों के अनुसार मिथुन राशि में राहू को उच्च का माना गया है। केतु का प्रवेश धनु राशि में होगा। इस राशि में शनि भी स्थित है। इस कारण शनि और केतु का योग बनेगा। 18 साल पहले 2000.01 में राहू मिथुन और केतु धनु राशि में थे। 19 सितंबर 2020 तक राहू मिथुन में और केतु धनु राशि में रहेगा।
आइए जानते हैं राशियों पर राहु-केतु के गोचर परिवर्तन का क्या असर होगा
मेष- उलझन दूर होने का योग बनेगा, धन लाभ का योग है। पढ़ाई या काम पर ध्यान दें।
वृषभ राशि- अचानक धन हानि हो सकता। इसलिए कहीं पर धन निवेश करने और लेनदेन में सावधानी बरतें।
मिथुन राशि- मन में दुविधा की स्थिति पैदा होगी और काम में बाधांए आ सकती हैं।
कर्क राशि- खर्चों में बढ़ोत्तरी होगी। कुछ लोगों को नींद न आने की समस्या हो सकती है।
सिंह राशि- इस राशि के जातकों के लिए राहु और केतु का राशि परिवर्तन लाभकारी होगा। मान सम्मान बढ़ेगा।
कन्या राशि- लाभ के योग हैं। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार व्यवसाय में समय अनुकूल।
तुला राशि- छोटे भाई बंधुओं को कष्ट हो सकता है। तुला राशि के यह परिवर्तन सामान्य से कमजोर रहेगा।
वृश्चिक राशि- इस राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट और दुविधा की स्थिति देखनी पड़ सकती है।
धनु राशि- इस राशि के जातकों में दामपत्य प्रेम बढ़ेगा। मानसिक चिंताए बुद्धि भ्रमित होगी।
मकर राशि- आपके लिए राहु और केतु का राशिपरिवर्तन शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला होगा।
कुंभ राशि- पुत्र या पुत्री के कार्य में बाधाएं आ सकती हैं। बाधांए दूर कराने के लिए किसी जानकार विद्वान या विशेषज्ञ से सलाह लें।
मीन राशि- इस राशि के जातकों को अगले डेढ़ साल तक घरेलू कलह और कष्ट देखने को मिल सकता है।
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