प्रभारी मंत्री ने भाजपा की महापौर गलत जगह बैठी
नगर निगम परिसर में गणतंत्र दिवस पर महापौर डॉ. सुनीता यार्दे ने अपने चार साल के कार्यकाल में पहली बार कांग्रेस की सरकार बनने पर अतिथि सत्कार का कार्यक्रम आयोजित किया। यह आयोजन भाजपा पार्षदों के बहिष्कार के कारण पहले से ही विवादों में हो गया था। कार्यक्रम के दौरान महापौर डॉ. सुनीता यार्दे के भाषण के बाद प्रभारी मंत्री सचिन यादव ने कहा यहां की भाजपा की महापौर गलत जगह (दूसरी पार्टी में) हैं। उन्हें हमारे साथ होना चाहिए। प्रभारी मंत्री यादव ने यहां तक कह दिया कि इनके पिता और मेरे पिता (सुभाष यादव) साथ ही थे और इनके पिता भी हमारी पार्टी में ही थे। इसी दौरान महापौर ने मंच से हंसकर गर्दन हिलाई की यह गलत तो यादव ने अपने भाषण को दुरुस्त करते हुए कहा वे पिता के अच्छे दोस्त थे। इसलिए साथ ही रहते थे। पूरे कार्यक्रम का भाजपा पार्षदों ने बहिष्कार किया।
पुलिस लाइन पर आयोजित गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के बाद प्रभारी मंत्री यादव नगर निगम के फायर ब्रिगेड भवन में स्वागत समारोह में दोपहर करीब बारह बजे पंहुचे थे। उनके समारोह स्थल पर पंहुचने के बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। प्रभारी मंत्री के आने से पहले पूरा कार्यक्रम ही कांग्रेस का लग रहा था। यहां कांग्रेस के हर छोटे-बड़े नेता के साथ ही कांग्रेस के सारे पार्षद मौजूद थे। इसके साथ ही निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को तो कार्यक्रम में रहने की मजबूरी थी सो वे पूरे समय रहे।
महापौर ने मांगे ५० करोड़ रुपए
महापौर डॉ यार्दे ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रभारी मंत्री यादव से शहर के विकास के लिए प्रत्येक वार्ड के एक-एक करोड़ के मान से रतलाम नगर निगम को कम से कम पचास करोड रु की राशि देने की मांग समारोह के दौरान कर दी। इस मांग का सांसद कांतिलाल भूरिया ने भी समर्थन करते हुए कहा कि वे भी शहर का विकास चाहते हैं किंतु अब तक जो विकास होना चाहिए वह नहीं हो पाया है। वे खुद केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने जिले के प्रभारी मंत्री से कहा कि यह मांग जायज है।
सवालों से बचती रही महापौर
कार्यक्रम समाप्ति के बाद जब मीडीयकर्मियों ने महापौर डॉ. यार्दे से चर्चा करने की कोशिश की तो वे सवालों से बचने की कोशिश करती रही। उनसे पूछा गया कि जब पहले इस आयोजन को उन्होने फिजूल खर्ची बताया था, तो अब वे इस आयोजन के लिए कैसे तैयार हो गई। उनसे यह भी पूछा गया कि भाजपा पार्षदों ने इसका बहिष्कार किया, तो क्या आपने पार्षदों से इस बारे में चर्चा की, महापौर डॉ. यार्दे इन सवालों को टालती रही।