रेलवे ग्रुप डी में काम कर रहे ट्रैकमैन और अन्य स्टाफ को रिस्क और हार्डशीट एलाउंस के तौर पर हर माह 27 सौ रुपए का स्पेशल भत्ता दिया जाता है। रेलवे बोर्ड ने 8 अक्टूबर को साफ निर्देश जारी किए कर कहा था कि ट्रैकमैन में किसी का भी अलग कैडर मानते हुए जोखिम भत्ता बंद नहीं किया जाए, लेकिन मंडल के लेखा विभाग के अधिकारी स्वयं को बोर्ड से भी ऊपर मानते हुए करीब 300 गेटमैन को मिलने वाला मासिक 2700 रुपए का जोखिम भत्ता बंद कर दिया। अब इसका विरोध शुरू हुआ है।
असल में ट्रैकमैन के अंतर्गत ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा गेटमैन, कीमैन, गैंगमैन आदि आते हैं। 8 अक्टूबर को रेलवे बोर्ड के आदेश ८७-२०१७ में इस बात का साफ उल्लेख किया गया कि ट्रैक मेंटेनर ग्रेड एक से चार को जोखिम भत्ता दिया जाए। इसमें किसी प्रकार की रोक नहीं लगाए जाए। इसके बाद भी मंडल में इसको काट लिया गया।
करीब 300 पर असर
मंडल में करीब 5 हजार ट्रैकमेन है। इनमें से ३०० गेटमैन है। इन्हें वेतन स्लीप मिली तो उसमें 2700 रुपए का भत्ता नहीं देने के बारे में लिखा गया। इतना ही नहीं, जब वेतन को देखा तो कटोत्रा पाया गया। इसके बाद भारी विरोध शुरू हो गया। अब हालात ये है कि मामले में रेलवे संगठन कुछ पडे है व आंदोलन की तैयारी कर रहे है।
हम आंदोलन करेंगे
बोर्ड के निर्देशों के बाद भी गलत तरीके से राशि काटी गई है। अगर जोखिम भत्ता नहीं दिया गया तो हम आंदोलन करेंगे।
– बीके गर्ग, मंडल मंत्री, वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ
सुधार कर लिया जाएगा
तकनीकी कारणों से इस प्रकार की गलती हुई है। इसमें सुधार कर लिया जाएगा।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल