भारसाधक अधिकारी ने बताया कि सब्जी मंडी में बहुत ज्यादा शिकायतें आ रही थी, इसलिए गुरुवार को ओचक निरीक्षण किया गया। सफाई की स्थिति काफी बदत्तर है। ठेकेदार से कहा गया है कि आठ दिवस के अंदर व्यवस्था ठीक रहे अन्यथा कार्यवाही की जाएगी। कई तुलावटी बगैर लायसेंस के व्यापार कर रहे थे, उन्हे बुलाकर पूछा गया और उन्होंने स्वीकार भी किया। इसके बावजूद कई अब भी इस काम से बाज नहीं आ रहे हैंं। उन्होंने चेतावनी नोटिस दे दिया जाएगा, कि जिनके पास जो लायसेंस से वहीं काम करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। ६५ वर्ष से अधिक उम्र वाले तुलावटी काम नहीं कर सकते ऐसा नियम है, उन्हे भी नोटिस दिया जाएगा, कोशिश की जाएगी की वे काम न करे। जिस तरह से तुलावटियों को रोटेशन शुरू किया गया है उसी, प्रकार अब अधिकारियों कर्मचारियों का भी रोटेशन शुरू किया जाएगा।
व्यापारी और तुलावटी पत्रक की जांच की जा रही है, कुछ में गलतियां पाई गई है। आगे देखते है जांच जारी है। मंडी जिसके लिए बनी है उसके लिए कार्य होगाभारसाधक अधिकारी धोटे ने बताया कि बगैर लायसेंस के कुछ खेरची व्यापारी भी काम कर रहे हैं यह भी एक व्यापारी के बयान पर अभी मालूम हुआ है। जिससे व्यापारी के साथ किसानों को भी आर्थिक नुकसान होता है। सख्ती से खेरची व्यापारी जिनके पास लायसेंस नहीं है उन्हे बंद किया जाएगा, मंडी जिसके लिए बनी है उसके लिए कार्य होगा। खेरची व्यापारियों पर सख्ती करने के कर्मचारियों को निर्देश दिए है, इसी का नतीजा है कि मंडी प्रशासन अमल में लाया और इस तरह का व्यापार होते हुए पकड़ा, आगे भी नजर रखी जाएगी और हुआ तो पुलिस बल की भी सहायता ली जाएगी। ६५ से उपरवाले तुलावटी या नियमों के अनुरूप नहीं है उन पर कार्यवाही करो। व्यापारी को बुलाकर कहा कि यह गलती दो बारा नहीं होना चाहिए, किसान को तोल की पर्ची क्यों नहीं दी। जो सही है वहीं करो।
संयुक्त संचालक उज्जैन संभाग मंडी बोर्ड सीएस वशिष्ठ ने अनाज मंडी का दौरा किया। कार्यालय में पहुंचकर आय-आवक, के साथ ही पंजीकृत-अपंजीकृत किसानों के बारे में पूछा, एक एक कमरे में पहुंचकर कर्मचारियों से जानकारी ली। इसके बाद भोजन केटिंन और किसान विश्रामगृह पहुंचे। जहां पर दिन में किसान विश्राम करते दिख और भोजन की व्यवस्था की तारिफ की जाकर किसानों से भी चर्चा कर परेशानी के संबंध में पूछताछ की। यहां भोजन व्यवस्था संभालने वाले नानू की प्रशंसा करते हुए किसानों को गुणवत्ता युक्त भोजन खिलाने को कहा। इसके बाद आय-आवक की जानकारी लेते हुए पिछले साल की तुलना में आवक बढ़ाना है। अनाज मंडी में आ रही हर उपज की आवक की ऑनलाइन प्रतिदिन की इंट्री ऑनलाइन मंडी बोर्ड के पोर्टल पर दर्ज की जाए, चाहे वह सब्जी पालक, मैथी पांच किलो हो या ५० किलो, लहसुन-प्याज, गेहूं या अन्य कितना मंडी में आ रहा है कि भी इंट्री प्रतिदिन ई मार्जन पर होना चाहिए, पूरे भारत में देखी जा सके,की किस स्टेट में किन-किन जिंस की आवक कितनी कितनी हो रही है। वशिष्ठ ने मंडी सचिव एमएल बारसे और मंडी प्रांगण प्रभारी राजेंद्रकुमार व्यास को निर्देशित करते हुए कही। इस मौके पर सहायक सचिव सत्यनारायण गोयल, अनाज मंडी प्रांगण प्रभारी मुकेश ग्रेवाल आदि कर्मचारी भी साथ थे।