रेल मंडल में 30 मई को डीजलशेड के कर्मचारी तोफिक एहमद के साथ हुई दुर्घटना व 24 मई को मौत के बाद भी अब तक रेलवे इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि इस दुर्घटना के लिए दोषी कौन है। मामले में गंभीर बात यह की रेलवे ने कर्मचारी को इंदौर के निजी अस्पताल में इलाज के लिए रैफर किया था, लेकिन अस्पताल ने अपने यहां भर्ती करने से इंकार कर दिया, इसके बाद घायल को सरकारी अस्पताल एमवाय में ले जाया गया।
Ratlam Diesel shed improved electric engine for the first time
रतलाम. रेल मंडल में 20 मई को डीजलशेड के कर्मचारी तोफिक एहमद के साथ हुई दुर्घटना व 24 मई को मौत के बाद भी अब तक रेलवे इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि इस दुर्घटना के लिए दोषी कौन है। मामले में गंभीर बात यह की रेलवे ने कर्मचारी को इंदौर के निजी अस्पताल में इलाज के लिए रैफर किया था, लेकिन अस्पताल ने अपने यहां भर्ती करने से इंकार कर दिया, इसके बाद घायल को सरकारी अस्पताल एमवाय में ले जाया गया। इस दौरान जो बेहतर व तुरंत उपवार मिलना था, उसमे देरी हुई। इधर विशेषज्ञों का कहना है कि मामले में आईपीसी की धारा 304 में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। डीजलशेड में दुर्घटना की जांच के लिए रेल अधिकारियों की कमेटी ने कर्मचारियों के बयान तो ले लिए, लेकिन अब मृतक की तरफ से पक्ष रखने कोई नहीं आ पाएगा।
रेलवे का तोहफा : रेलवे ने किया टिकट आरक्षण के नियम में बदलाव, 24 मई से होंगे लागू IMAGE CREDIT: patrikaकई सवाल जिनके नहीं जवाब – करीब 30 वर्ष से तोफिक डीजलशेड में कार्य कर रहा था, फिर चालू बिजली के तार के दौरान इंजन पर जाने को किसने कहा। – दुर्घटना के समय बिजली का तार में करंट चालू था, या कर्मचारी के जाने के दौरान अचानक बिजली चालू की गई।
– इंजन सुधार के दौरान कॉशन ऑर्डर याने की सतर्कता के आदेश जारी होते है, वो जारी किए गए थे या नहीं। – अगर सतर्कता के आदेश जारी किए गए थे तो फिर ओएचई याने की ओवरहेड बिजली में पॉवर सप्लाय बंद क्यों नहीं हुआ।
– कर्मचारी को जब निजी अस्पताल रैफर किया तो अस्पताल ने भर्ती करने से इंकार क्यों किया। – जिस अस्पताल ने भर्ती करने से इंकार किया, उसपर कार्रवाई के लिए क्या कदम उठाए गए। इस दिन से बदलेगा आपके शहर में वेदर, होगी झमाझम बारिश
IMAGE CREDIT: patrikaपहले भी हुई थी रस्म अदायगी कुछ समय पूर्व मंडल के रेल कर्मचारी नेता मनीष गोठवाल की मृत्यु हदयघात से हुई थी, तब उपचार नहीं मिलने की बात की गई थी। इतना ही नहीं, पॉवर विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी मांगीलाल बोरासी को काम के दौरान सीने में दर्द के बाद रेलवे अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन कोई वरिष्ठ अधिकारी तबीयत तक जानने नहीं गया।
BREAKING मजदूरों को नहीं चलना होगा अब पैदल, हो गया बड़ा निर्णययह गंभीर त्रृटि है &एक कर्मचारी की जब काम के दौरान लापरवाही से मौत हो तो धारा ३०४ में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा बनता है। पांच दिन में भी जांच पूरी नहीं होना यह दर्शाता है कि रेल अधिकारी किसी को बचाने का प्रयास कर रहे है। – राकेश शर्मा, वरिष्ठ अभिभाषक
जांच जारी है &जब तक जांच पूरी नहीं हो, तब तक किसी को दोषी नहीं कहा जा सकता है। मामले में गंभीरता से जांच जारी है। सतर्कता के सुझाव के साथ अगर कोई दोषी पाया तो कार्रवाई की जाएगी।