करमदी से रतलाम पहुंचे आचार्य
सुबह 6 30 बजे करमदी से रविदास चौक होकर सेठजी का बाजार स्थित तेरापन्थ सभा भवन से घासबाजार, चौमुखी पूल, चांदनी चौक, तोपखाना होते हुवे बजाज खाना के रास्ते गणेश देवरी चौराहा से न्यू क्लॉथ मार्केट, डालू मोदी बाजार के रास्ते नाहरपुरा चौराहा से रानीजी का मंदिर, धानमंडी होकर शहर सराय गायत्री टॉकीज के रास्ते सैलाना बस स्टैंड से चेतक ब्रीज से अमृत गार्डन/अतिथि पैलेस में आचार्य का प्रवेश हुआ।
गुरुभक्तों को नहीं होगी समस्या
समाज के प्रमुखगण लगाातर यह प्रयास कर रहे है कि आचार्य का 2024 का वर्षाकाल का चातुर्मास शहर में हो। इसकी वजह समाज के अनुसार यह है कि 150 वर्षो के इतिहास में शहर में 13पंथ जैन समाज के किसी आचार्य का चातुर्मास नहीं हुआ है। समाज के अध्यक्ष अशोक दख के अनुसार रतलाम में देश के विभिन्न शहर से आने के लिए पर्याप्ता ट्रेन व बस की सुविधाएं है। इसके अलावा करीब के इंदौर में एयरपोर्ट की सुविधा भी है। ऐसे में देशभर के गुरुभक्त को चातुर्मास के दौरान आने में कोई समस्या भी नहीं होगी।
इसलिए महत्व है आचार्य का
आचार्य महाश्रमण का महत्व समाज में इसलिए है, क्योंकि जब पूरी दूनिया में हिंसा का बोलबाला था तब 2014 में नई दिल्ली से इन्होंने समाज को एक नई दिशा देते हुए अहिंसा यात्रा की शुरुआत की। अब तक करीब 50 हजार किमी से अधिक की यात्रा देश के कई राज्यों में हो चुकी है। इनको मध्यप्रदेश सरकार ने राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है। इसके अलावा पिछला चातुर्मास हैदराबाद में करके लगातार चलकर अब शहर में मंगलवार को मंगल प्रवेश हुआ।