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आदिवासी महापंचायत में जुटे हजारों आदिवासी, बोले- जल, जंगल, जमीन किसी को नहीं लेने देंगे

locationरतलामPublished: Oct 24, 2021 06:23:14 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

जल जंगल जमीन आदिवासी का, इसे किसी को नहीं लेने देंगे, रामपुरिया में हुई आदिवासी महापंचायत में आदिवासियों ने भरी हुंकार…

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रतलाम. जल जंगल व जमीन पर पहला हक आदिवासियों का है। कभी अस्पताल तो कभी स्कूल तो कभी उद्योग के लिए आदिवासी की जमीन हड़प ली जाती है व इसमें एक भी आदिवासी को रोजगार नहीं दिया जाता है। 1800 हैक्टेयर भूमि पर जो निवेश क्षेत्र बन रहा है, उसमें आदिवासी समाज अपनी एक इंच भूमि नहीं देगा। दीपावली के बाद इसके लिए उच्च न्यायालय में याचिका भी लगाई जा रही है। यह सब बात रतलाम के रामपुरिया में जसय द्वारा आयोजित आदिवासी महापंचायत में वक्ताओं ने कही।

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उच्च न्यायालय जाएंगे
अभिभाषक गोंजाल्विस ने संबोधन देते हुए कहा कि किसी भी हालात में औद्योगिक निवेश के लिए आदिवासी की भूमि को लेने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए आदिवासियों की तरफ से उच्च न्यायालय में याचिका दीपावली बाद दायर करने की तैयारी हो गई है। आदिवासियों को पट्टा देने की बात होती है, लेकिन मप्र सरकार ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि राज्य में 80 प्रतिशत भूमि आदिवासियों को नहीं दी जाएगी। आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. राय ने कहा कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार आदिवासी का शोषण कर रही है। पैसा एक्ट की बात की जाती है, लेकिन पांचवी अधिसूची को लागू करने के बाद अमल में अब तक नहीं लाया गया है। आयोजन में कोलिन गोंजाल्विस सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अभिभाषक, महेंद्र लोधी ओबीसी महासभा अध्यक्ष, डॉक्टर पीडी महंत भारतीय ट्राइबल प्रभारी, विनय रतन भीम आर्मी के राष्टीय अध्यक्ष, महेंद्र कन्नौज प्रवक्ता जयस मध्यप्रदेश, कांति भाई रोट राजस्थान भील प्रदेश अध्यक्ष, डॉ. आनंद राय आरटीआई एक्टिविस्ट, सुनील असते भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष, सीमा वास्ते जयस नारी शक्ति प्रभारी सहित अन्य ने संबोधन दिया।

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