एडीएम डॉ. श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल में पहुंचते ही ओपीडी देखी। एक मरीज को भटकते देख उसके इलाज के लिए डाक्टर को बुलवाया। एक्सरे में नई मशीन आने के बाद इंस्टाल नहीं होने पर कहा इतने दिन बाद भी क्यों इंस्टाल नहीं हुई। कक्ष क्रमांक तीन में डॉ. और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति रजिस्टर देखा जिसमे कई डॉ. और नर्सिंग स्टाफ के हस्ताक्षर नहीं मिले। अस्पताल के रसोईघर में पहुंच कर भोजन की गुणवत्ता और सफाई व्यवस्था देखी। उन्होंने खुद ही खाने को चखकर देखा। ट्रामा सेंटर के निरीक्षण करते हुए ऑपरेशन थियेटर, वार्ड और वार्डों में मरीजों से चर्चा की। ट्रामा सेंटर के ओटी में लाइट और केबल की समस्या बताई गई। उन्होंने भर्ती मरीजों से चर्चा की तो गुजरात निवासी मरीज आजाद पिता राजा हाल मुकाम हुसैन टेकरी ने पट्टे के 5 हजार रुपए मांगने की शिकायत की।
रसोईघर के निरीक्षण के बाद बाहर निकली एडीएम को सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर और आरएमओ डॉ. प्रणव मोदी अस्पताल की समस्याएं बताने लगे। एंबुलेंस, वाहन खराब होने की बात कही तो एडीएम ने कहा कि आप ही हमें समस्या बता रहे हैं। निदान भी आपको ही करना है। प्रशासन कहां-कहां ये सब चीजें देखेगा। ट्रामा सेंटर में कारीडोर के पंखे बंद मिले तो ट्रामा में ले जाने वाले मरीजों के परिजनों के लिए बाहर लगाए दो पंखों में से एक बंद मिला। ट्रामा के ड्यूटी रजिस्टर से कर्मचारियों की जानकारी मागी तो उसमें केवल सुबह, दोपहर और नाइट ड्यूटी का उल्लेख मिला। इस पर उनका कहना था कि कौन कर्मचारी यहां कार्य कर रहा है कैसे पता चलेगा। सबके हस्ताक्षर यहीं पर होना चाहिए।
– ट्रामा सेंटर में सभी स्टॉफ के हस्ताक्षर के लिए यहीं पर रजिस्टर बनाया जाए।
– इमरजेंसी वार्ड में सडक़ दुर्घटना के घायल आने की सूचना एडीएम दफ्तर में भी अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए।
– अस्पताल परिसर की बावड़ी के संरक्षण के भी निर्देश दिए। उन्होंने आशंका जताई कि कोई अनजान व्यक्ति गिर सकता है।
– एमसीएच की ओटी में दो माह से फागिंग नहीं होने पर नाराजगी जताई।
जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं की जानकारी मिलने पर यहां निरीक्षण करने आई। समस्याएं बहुत है और अव्यवस्थाएं भी हैं। मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए यह निरीक्षण किया गया है। आगे भी इस तरह का निरीक्षण किया जाएगा।
डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर, रतलाम