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लंच के बाद बजट पर बनी बात, शहर पर खर्च करेगी निगम सवा पांच अरब

locationरतलामPublished: Jul 31, 2018 06:05:22 pm

Submitted by:

sachin trivedi

लंच के बाद बजट पर बनी बात, शहर पर खर्च करेगी निगम सवा पांच अरब

Patrika

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रतलाम. शहर के विकास के लिए जरूरी राशि के प्रबंधन का गणित लेकर पेश किए गए नगर निगम रतलाम के बजट को मंगलवार की शाम को मंजूर कर लिया गया। करीब 5 अरब 22 करोड़ से कुछ ज्यादा की राशि बतौर आय जुटाई जाएगी। वहीं, वर्षभर में नगर निगम शहर पर करीब ५ अरब २१ करोड़ रुपए की राशि खर्च करेगी। निगम ने देरी के बावजूद करीब एक करोड़ 40 लाख की बचत की है।
वित्त वर्ष के दौरान करीब 4 माह देरी से 31 जुलाई को महापौर डॉ. सुनीता यार्दे ने नगर निगम का बजट साधारण सम्मेलन में पेश किया। कुछ बिन्दुओं पर चर्चा के बाद भाजपा के बहुमत वाली सदन इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। बजट में एक करोड़ 39 लाख रुपए से कुछ ज्यादा राशि की बचत दर्शाई गई है। किसी तरह का अतिरिक्त कर शहर लादा नहीं गया है। वहीं, आधार विकास एवं कार्यो के लिए भी करीब 3 अरब 24 करोड़ रुपए की राशि वित्त वर्ष के मद में खर्च की जाएगी। बजट पेश करने के बाद इसकी प्रतियां निगम सभापति अशोक पोरवाल की अनुशंसा पर सभी 49 पार्षदों को दी गई। सदन ने सामान्य चर्चा के बाद महापौर और सभापति की मौजूदगी में आयुक्त के साथ बजट पुस्तिका भी जारी कर दी। बजट का यह प्रस्ताव सम्मेलन में भोजनकाल के अवकाश के बाद लाया गया।
भोजनकाल से पहले जमकर हुआ हंगामा
मंगलवार को सुबह के समय सम्मेलन की शुरूआत हंगामेदार रही। नगर निगम रतलाम का साधारण सम्मेलन शुरू होने के कुछ देर बाद ही हंगामे में बदल गया है। कांग्रेस से निष्कासित पार्षद ममता बौरासी और भाजपा की ओर से अनिता कटारा ने अपने प्रश्न रखे। इन पर जवाब आने से पहले ही अचानक हंगामा होने लगा। कांग्रेस के पार्षदो ने नगर निगम पर एलइडी घोटाला करने का आरोप लगाते हुए सभापति अशोक पोरवाल को घेर लिया था। इसके बाद लंच से ठीक पहले भाजपा पार्षदों ने अपने अपने वार्डो के कार्यो पर भी अफसरों को जमकर घेरा।
आधुनिक श्मशान के मुद्दें पर नहीं बनी सहमति
बजट प्रस्ताव से पूर्व शहर में ईको फे्रडली क्रिएशन आधुनिक श्मशान के लिए भूमि चयन के बाद आगे की प्रक्रिया का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। इसे पेश तो किया गया, लेकिन आगामी तारीख तक टाल दिया गया है। कांग्रेस और भाजपा की ओर से इस प्रस्ताव पर किसी तरह की चर्चा ही नहीं की गई। एकमात्र पार्षद के माध्यम से प्रस्ताव का वाचन कराया गया और फिर इसे आगे बढ़ा दिया गया।

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