ग्राम बर्डियागोयल के निवासी कन्हैयालाल पिता अम्बाराम जाट ने गावं के मुकेश से खेती की जमीन खरीदी थी। जिसे वह आवासीय प्रोयोजन के लिए उपयोग करना चाहता था। जिसके लिए उसने २ सितंबर २०१९ को खेत की जमीन का डायवर्शन करवा लिया था। लेकिन डायवर्शन को कंप्यूटर पर अपडेट करने की लिए पटवारी विजय ने फरियादी से १५ हजार रुपये की मांग की, जिस पर फरियादी ने कुछ कम राशि की लिए कहा। अंत मे ७ हजार रुपये में डील फाइनल हुई। शुक्रवार को फरियादी ने ४ हजार रुपये देने की बात कही, और दोपहर में रुपये देने पहुँच गया। जैसे ही उसने पटवारी को रुपये दिए, ठीक उसी समय लोकायुक्त उज्जैन ने पटवारी को रिश्वत लेते पकड़ लिया।
१५ को की थी शिकायत – फरियादी ने बताया कि २०१९ में डायवर्शन होने के बाद भी पटवारी कंप्यूटर में अपडेट करने में आनाकानी और लेट लाली कर रहा है। जिस पर उसे पटवारी द्वारा रुपये मांगे जाने का आभास हुआ, तो उसने १५ जुलाई को उज्जैन पहुँच कर लोकायुक्त को शिकायत दर्ज करवाई। जिस पर लोकायुक्त ने फरियादी को एक रिकॉर्डिंग डिवाइस दिया और अपना एक आदमी साथ भेज दिया। फरियादी ने जावरा आकर पटवारी से बात की तो उसने रुपये की मांग की। जिसकी रिकॉर्डिंग फरियादी ने उज्जैन लोकायुक्त को दी। लोकायुक्त ने फरियादी को ५०० के ८ नोट दिए और पटवारी को देने के लिए भेजा। शुक्रवार को दोपहर करीब २ बजे महावीर कॉलोनी स्थित पटवारी कार्यालय पर फरियादी रुपये देने पहुँचा, जहाँ पटवारी पहले मौजूद था। फरियादी ने पटवारी को रुपये दिए तो उसने टेबल पर रुपये रखने को कहा। फरियादी जाट ने टेबल पर रुपये रखे और हवा में हाथ हिलाया, हाथ हिलाते ही आफिस के बाहर मौजूद लोकायुक्त दल अंदर आया और पटवारी सोंदल को रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त ने भ्रस्टाचार अधिनियम की धाराओं में प्रकरण बनाया। लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने निरीक्षक संतोष जमरा, राजेन्द्र वर्मा, आरक्षक इसरार खान, कासिफ खान, संदीप कदम आदि मौजूद रहे।