भारतीय कंपनियों के वाहनों की डिमांड ज्यादा
रतलाम जिले में इसका सालाना कारोबार 400-500 करोड़ का माना जा रहा है। दो पहिया वाहन में डिमांड व सप्लाई व्यवस्था ठीक होने से वाहन की समय पर डिलेवरी मिल रही है। त्योहारी सीजन में इसमें थोड़ी वैटिंग रहती है। परंतु चार पहिया वाहन में मॉडल के हिसाब से 17 दिन से तीन माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है। अन्य वस्तुओं की तरह वाहनों की भी होम डिलेवरी की डिमांड शुरू हो गई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल कारोबार अच्छा रहने की उम्मीद लगाई जा रही है। वाहनों में नई तकनीक विकसित होने व सुरक्षा व मजबूती के चलते भारतीय कंपनियों के वाहनों की डिमांड ज्यादा है। आने वाले सीजन में करीब चार हजार दो पहिया व एक हजार चार पहिया वाहन सड़क पर उतरने की संभावना है।वाहन एक , टैक्स तीन प्रकार के लग रहेचार पहिया वाहन तो उपभोक्ता एक खरीदता है। पर उसे तीन टैक्स भरना पड़ रहे हैं। चार पहिया वाहन पर जीएसटी 29 प्रतिशत से 48प्रतिशत तक लग रहा है।इसके बाद रोड टैक्स आठ प्रतिशत से 16 प्रतिशत तक व इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत टैक्स डिडेक्शन लगता है। इसी प्रकार दो पहिया वाहन में 28 प्रतिशत जीएसटी, आठ प्रतिशत आरटीओ के साथ अब पांच साल इंश्योरेंस से वाहनों की कीमत ज्यादा हो गई है। जो आम उपभोक्ता के क्रय शक्ति से बाहर हो रही है।
रतलाम के गुस्ताद अंकलेसरिया, जीडी ऑटोमोबाइल्स, … संचार क्रांति व डिजिटल मनी ट्रॉसर्फर सुविधा से वाहनों में भी होम डिलेवरी का क्रेज जोर पकड़ रहा है। उपभोक्ता वाट्सऐप, मेल व अन्य संचार साधनों के माध्यम से वाहन की जानकारी घर बैठ प्राप्त कर रहा है। डिजिटल मनी ट्रॉसर्फर की सुविधा के चलते ऑनलाइन पैमेंट कर घर बैठे वाहन प्राप्त कर रहे हैं। तत्काल फाइनेंस की सुविधा भी बैंक उपलब्ध करा रही हैं।
रतलाम के सुमित कटारिया, सुगंधी ऑटोमोबाइल्स….. फोर व्हीलर वाहन में लगने वाले सेमी कंडेक्टर की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमी हो गई है। इसके चलते चार पहिया वाहन में डिमांड व सप्लाई में अंतर आ गया है। इसके चलते वर्तमान में चार पहिया वाहनों में वैटिंग 17 दिन से तीन माह तक चल रही है। कंपनी इस अंतर को पाटने का प्रयास कर रही है।