रतलाम निवासी नौशीन कादरी जूडो व कुराश की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में उसने देश के लिए कांस्य पदक भी जीता है। नौशीन ने बताया कि वह भिवानी हरियाणा में शासकीय प्रशिक्षण सेंटर में रहकर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप और ओलंपिक के लिए तैयारी कर रही है। देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस स्तर पर उसका चयन हुआ है। वह रतलाम और मप्र की पहली कुराश, मार्शल आर्ट खिलाड़ी है। बावजूद इसके उसने खेल एवं युवक कल्याण विभाग से प्रशिक्षण के लिए मदद मांगी, जो उसे नहीं मिली।
जवाब सुनकर छलक पड़े आंसू
नौशीन की माने तो तैयारी करने में उसे होने वाली परेशानियों को लेकर उसने जब सरकार से मदद मांगी तो उसे इनकार कर दिया गया। खेल विभाग के इस जवाब ने उसकी हिम्मत के साथ ही आगे बढऩे की उम्मीद और सपने सब तोड़कर रख दिए। इस जवाब को सुनने के बाद नौशीन ने सीएम हेल्पलाइन में 9 अप्रैल 2018 को शिकायत की थी। इसमें बतााया था कि देश के लिए पदक जीतने के बाद भी मदद नहीं मिल रही है, उसे सरकार से मदद की जरूरत है, जिससे कि वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर देश के लिए पदक ला सके, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से सीएम हेल्पलाइन पर उसकी शिकायत निरस्त कर दी।
नौशीन की माने तो तैयारी करने में उसे होने वाली परेशानियों को लेकर उसने जब सरकार से मदद मांगी तो उसे इनकार कर दिया गया। खेल विभाग के इस जवाब ने उसकी हिम्मत के साथ ही आगे बढऩे की उम्मीद और सपने सब तोड़कर रख दिए। इस जवाब को सुनने के बाद नौशीन ने सीएम हेल्पलाइन में 9 अप्रैल 2018 को शिकायत की थी। इसमें बतााया था कि देश के लिए पदक जीतने के बाद भी मदद नहीं मिल रही है, उसे सरकार से मदद की जरूरत है, जिससे कि वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर देश के लिए पदक ला सके, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से सीएम हेल्पलाइन पर उसकी शिकायत निरस्त कर दी।
ये बताया कारण
नौशीन ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर केवल यही कारण बताया गया है कि नए नियमों के अनुसार वह पात्र नहीं है। शिकायत के संबंध में आज कोई उनसे मिलने पहुंचा और न शासन के किसी नुमांइदे ने उनसे संपर्क किया। सरकार के पास ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है जिससे सरकार जूडोए कुराश जैसे खेल खेलने वाले सीनियर खिलाडिय़ों की कोई मदद कर सके। पालिसी के अभाव में उनके साथ खेलने वाला हर खिलाड़ी नौकरी की तलाश कर खेल से दूर हो चुका है।
नौशीन ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर केवल यही कारण बताया गया है कि नए नियमों के अनुसार वह पात्र नहीं है। शिकायत के संबंध में आज कोई उनसे मिलने पहुंचा और न शासन के किसी नुमांइदे ने उनसे संपर्क किया। सरकार के पास ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है जिससे सरकार जूडोए कुराश जैसे खेल खेलने वाले सीनियर खिलाडिय़ों की कोई मदद कर सके। पालिसी के अभाव में उनके साथ खेलने वाला हर खिलाड़ी नौकरी की तलाश कर खेल से दूर हो चुका है।
19 तक ही करती है मदद
नौशीन की माने तो उसने वर्ष 2006 में जूडो खेलना स्कूल में शुरू किया था। 22 मार्च २018 एशियन चैंपियनशिप में उसने देश के लिए कास्यं पदक जीता था। इसके पहले राज्य स्तर पर कई बार वह पदक जीत चुकी है। उसके बाद भी सरकार का यह रूख उसकी हिम्मत तोड़ रहा है। सरकार यह बता रही है कि केवल 19 साल की उम्र तक ही खिलाडिय़ों को वह मदद दे सकती है। नौशीन ने कहा कि परिवार बीते 12 वर्षों से आर्थिक सहायता, डाइट के साथ तैयारी के सामान में मदद कर रहा है, अब उसे सरकार से मदद की जरूरत है, तो वह इनकार कर रही है।
नौशीन की माने तो उसने वर्ष 2006 में जूडो खेलना स्कूल में शुरू किया था। 22 मार्च २018 एशियन चैंपियनशिप में उसने देश के लिए कास्यं पदक जीता था। इसके पहले राज्य स्तर पर कई बार वह पदक जीत चुकी है। उसके बाद भी सरकार का यह रूख उसकी हिम्मत तोड़ रहा है। सरकार यह बता रही है कि केवल 19 साल की उम्र तक ही खिलाडिय़ों को वह मदद दे सकती है। नौशीन ने कहा कि परिवार बीते 12 वर्षों से आर्थिक सहायता, डाइट के साथ तैयारी के सामान में मदद कर रहा है, अब उसे सरकार से मदद की जरूरत है, तो वह इनकार कर रही है।
दहेज देने तक सिमित सरकार
बेटी को मदद नहीं मिलने से नौशीन की मां हीना कादरी भी सरकार से नाराज है। मां ने बताया कि हरियाणा में अतंरराष्ट्रीय पदक प्राप्त करने पर खिलाडियों को आर्थिक सहायता के साथ तैयारी का अवसर, शासकीय नौकरी सब दिया जाता है, लेकिन हमारी सरकार का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि लड़की 18 साल की हो जाए तो उसकी शादी कर दहेज के पांच बरतन देकर अपना काम पूरा कर लो।
बेटी को मदद नहीं मिलने से नौशीन की मां हीना कादरी भी सरकार से नाराज है। मां ने बताया कि हरियाणा में अतंरराष्ट्रीय पदक प्राप्त करने पर खिलाडियों को आर्थिक सहायता के साथ तैयारी का अवसर, शासकीय नौकरी सब दिया जाता है, लेकिन हमारी सरकार का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि लड़की 18 साल की हो जाए तो उसकी शादी कर दहेज के पांच बरतन देकर अपना काम पूरा कर लो।