ज्योतिषी जोशी ने बताया कि 27 मार्च बुधवार को रात 8 बजकर 55 मिनट तक सप्तमी तिथि है। इसके बाद अष्टमी की शुरुआत होगी। ये अष्टमी तिथि 28 मार्च की रात 10 बजकर 34 मिनट तक गुरुवार को रहेगी। गुरुवार की सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक मूल नक्षत्र रहेगा। वे लोग जिनकी कुंडली में पित्र दोष है, कालसर्प दोष है या फिर शनि से लेकर राहु-केतु की समस्या है, उनको मूल नक्षत्र में इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इसके अलावा जिनकी कुंडली में ये दोष नहीं है वे अन्य उपाय से मालामाल खुद को करने के लिए बताए गए उपाय करें।
दोष का निवारण करें इस तरह वे लोग जिनकी कुंडली में पित्र दोष, शनि की दशा या महादशा, राहु या केतु की दशा या महादशा, कालसर्प दोष हो वे बुधवार की रात 10 बजे से 11 बजे के बीच एक सुखा गोला नारियल का ले। अलग-अलग राज्यों में इसको गोला भी कहा जाता है। इसके उपर का भाग काटकर अंदर शक्कर भरें। इसके बाद किसी भी पीपल या बड़ के वृक्ष के करीब गड्डा करके उस गोले को अंदर डाल दे। अंदर डालने के बाद उपर का मुंह सुखा या खुला रखें। ये प्रक्रिया करने के पूर्व अपने घर में गोले को स्वयं के उपर से 27 बार उबरवाए। जब उबरवाए तब अपने ईष्ट से या भगवान से ये प्रार्थना करें की जो समस्या आपको है, वो समाप्त हो जाए। ये प्रक्रिया बुधवार की रात को करने के बाद अगले 27 दिन में आपको बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।
ये उपाय बनाता है मालामाल वैसे तो भारतीय ज्योतिष में मालामाल होने के अनेक उपाय बताए गए है, लेकिन ये सभी उपाय राशि अनुसार करने के बारे में कहा गया है, जबकि कुछ उपाय इस तरह के होते हैं जो हर राशि वालों के उपर लागू हो जाते है। गुरुवार 28 मार्च की रात अष्टमी तिथि 10 बजकर 34 मिनट तक है। धनु राशि के चंद्रमा व मीन राशि वाले सूर्य की उपस्थिति में सुबह 10 बजकर 10 मिनट से पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र की शुरुआत होगी जो पूरी रात रहेगी। हर राशि वाले इस रात खीर बनाकर माता दुर्गा, लक्ष्मी या अन्य देवी मंदिर में प्रसाद के रुप में चढ़ाएं व मां से ये प्रार्थना करें की जितनी मीठी ये खीर है, उतना ही उनका भाग्य चमक जाएं। कुछ ही दिन में आपके जीवन में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।