बीमारों के स्वास्थ्य को बेहतर करने वाला नीमच जिले का सरकारी अस्पताल इन दिनों भूत-पे्रत का अड्डा बना हुआ है। यहां पूर्व में भी अनेक लोग अपने परिजन की आत्मा को ले गए, अब फिर से बुधवार को ये हुआ है। परिवार के सदस्यों के अनुसार 25 वर्ष पूर्व उनके 19 वर्ष के भांजे केसरसिंह निवासी रेवलिया राजस्थान की मौत क्रेशर में आने से इलाज के दौरान हो गई थी। परिवार के सदस्यों ने बताया कि केसरसिंह को नीमच के जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था, यहां उसकी मौत हो गई। इसके बाद से उसकी आत्मा परिवार को परेशान कर रही थी। केसर के मामा ने बताया कि उनके मृत भांजे की आत्मा ने उनसे कहा कि अस्पताल से बैंडबाजे के साथ ज्योति के रूप में मेरी आत्मा को लेकर आओ, तब सब कुछ ठीक होगा। इसके बाद मृतक के मामा जिले के सरकारी अस्पताल पहुंचे व आत्मा को न्योता देकर मटकी में कैद किया व ज्योति के रूप में लेकर राजस्थान गए।
पहले किया विधिविधान आत्मा को न्योता देने के लिए पहले परिवार के सदस्यों ने विधिविधान से पूजन किया। इसके बाद पंडित द्वारा बताए तरीके से सर्वकार्य को किया। इस मामले में रतलाम के पूर्व राज परिवार के ज्योतिषी पंडित अभिषेक जोशी ने बताया कि भूत- प्रेत अदृश्य होते हैं, यानी दिखाई नहीं पड़ते है। ये शरीर रहित होते है, क्योंकि ये प्राय: वायु समेत 16 तत्वों से बने होते हैं। जिन भूतों को अपनी इस शक्ति का पता होता है वे इसे इस्तेमाल करना जानते हैं। कुछ भूतों को दूसरों को टच करने की शक्ति होती है और कुछ को नहीं होती। जिनकों होती है वे बड़े से बड़े पेड़ और खम्बों को भी उखाड़ कर फैंक सकते हैं। अगर ये बुरे भूत हुए तो बहुत ही खतरनाक साबित होते हैं। ऐसे भूत किसी भी इंसान को अपने होने का अहसास करवा सकते हंै। इतना ही नहीं ऐसे बुरे भूत किसी की मानसिक स्तिथि से खेल कर उससे कुछ भी करवा सकते हैं इतनी ताकत रखते हैं। इनपर गोली, तलवार, डंडे का असर नहीं होता है क्योंकि ये वायु जैसे तत्वों से बने होते हैं।