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योग से बुराईयों का बीज नाश हो जाता है – बाबा रामदेव

locationरतलामPublished: Apr 23, 2018 01:06:24 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

 
– रतलाम स्टेशन पर बाबा के भक्तों ने किया जोरदार स्वागत, प्लेटफार्म से बाहर निकल बाबा ने भक्तों को दिया आशीर्वाद

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रतलाम। बांसवाड़ा में आयोजित तीन दिवसीय योग शिविर को लेकर योग गुरू बाबा रामदेव सोमवार तड़के पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन से रतलाम पहुंचे। बाबा के रतलाम आते ही उनके भक्तों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान पूरा स्टेशन परिसर भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारों से गूंज उठा। प्लेटफार्म के बाहर निकलने के बाद बाबा ने भक्तों को आशीर्वाद दिया और फिर यहां से बांसवाड़ा के लिए निकल गए।
बाबा के इंतजार में भक्त सुबह ४ बजे ट्रेन आने के पहले ही प्लेटफार्म पर पहुंच गए थे। ट्रेन से उतरने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा अपने भक्तों से मिले और उनसे चर्चा कर बांसवाड़ा के लिए रवाना हो गए। बाबा ने प्लेटफार्म के बाहर बने मंच पर पहुंचकर भक्तों से चर्चा में कहा कि जैसे हमारे विचार होते है, वैसा ही हमारा संसार होता है। आत्मा तो सभी के भीतर पवित्र है, दोष है वो तो विचार का है। विचार से दुर्भावना से दोषों से व्यक्ति के स्वयं के और दूसरों के जीवन में दु:ख पैदा होते है। योग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमारे भीतर के सारे दुरविचार, हमारे भीतर की दुर्भावना और सारे दुर्गुणों से और दोषों से हम मुक्त हो जाते है।
तो व्यक्ति मानव से महामानव बन जाता है
बाबा ने कहा कि व्यक्ति के जीवन की सबसे बढ़ी बाधा यहीं है कि व्यक्ति दुर्रविचार और दुर्भावनाओं और दुर्गुणों मे फंस कर अपने असली स्वरूप से अपने शुद्ध स्वरूप से वंचित हो जाता है। यदि एक चीज भी समझ में आ जाए तो व्यक्ति मानव से महामानव, पुरुष से महापुरुष, नर से नारायण और जीव से ब्रम्ह बन जाए, ये इतना बड़ा सत्य है। योग आध्यत्म का हमारी भारतीय संस्कृति का और आज मनुष्य ने इस दुनिया में क्या-क्या अच्छे कर्म नहीं किए और मनुष्य ने क्या बूरा नहीं किया। आज भी बगदादी जैसे लोग बरबादी करने में लग है। बडे़ आदमी के अंदर सच्चाईयां भी अंतत है और आदमी के अंदर बुराईयां भी अनंत है।
योग से होता बुराईयों का नाश
योग से बुराईयों का बीज नाश हो जाता है और सच्चाई सत्य और परमसत्य पूरा प्रकट हो जाता है। आप भी योग करें औरों को भी योग कराए। मैंने पिछली बार भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यह सूत्र दिया था कि योग करना और कराना हम सभी का परम धर्म है। ये देश रोग मुक्त तो होगा ही। दुर्रविचारों से दुर्भावना से दुर्गुणों से मुक्त होगा।
बूरी आदतें सबसे बड़ी बाधा
योग से व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी बाधाएं, उसकी बूरी आदतें, बूरे अभ्यासों से बूरे दुर्गुणों से वह मुक्त होगा। निराशा और अर्कमणयता से मुक्त होगा। ये तीन से यदि वह मुक्त हो जाए तो उसका जीवन अपने आप ही पावन हो जाता है। हमारे जीवन में सब प्रकार का सौभाग्य है। आप सब योग के मार्ग पर चल रहे है औरों को भी चलाते रहे। बहुत दिन हो गए थे रतलाम आए हुए, तो यहां ये संयोग एेसा ही बनना था, बांसवाड़ा की और जाते हुए।

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