पहले जाने आरबीआई के ताजा आदेश को आरबीआई ने ताजा फरमान सुबह जारी किया। इसमें बताया गया है कि एक वर्ष के बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज 6.8 प्रतिशत को घटाकर आगामी तीन माह के लिए 6.6 प्रतिशत किया गया है। इसी प्रकार दो वर्ष के बचत खाते में 6.9 प्रतिशत के स्थान पर ये ब्याज दर 6.8 प्रतिशत रहेगी। इसी प्रकार तीन वर्ष वाले के लिए 7.1 के स्थान पर 6.9 प्रतिशत, पांच प्रतिशत के लिए अब तक मिल रहे ब्याज 7.6 के स्थान पर 7.4 प्रतिशत रेट ऑफ इंटरेस्ट मिलेगा। अब इन पर लगेगा शुल्कइसके अलावा अब बैंक खाताधारक को हरकाम के लिए बैंक को शुल्क देना होगा। न्यूनतम जमा से लेकर चेक, एटीएम, पासबुक अपडेट आरटीजीएस, राशि आहरण, जमा, टांजेक्शन आदि पर शुल्क लगेगा। असल में कैशलेस योजना में ये शुल्क अब तक कटता रहा है, जबकि इसकी सूचना तक बैंक उपभोक्ता को नहीं देता है। जब जानकारी ली जाए तो बताया जाता है कि आरबीआई के निर्देश पर ये शुल्क काटा गया है। असल में बैंक में कर्मचारियों की कमी होने व लंबी-लंबी लाइन होने के बाद आम उपभोक्ता ई सेवा पसंद कर रहा है, लेकिन इसके बदले शुल्क भी देना पड़ रहा है।
बैंक कर्मचारियों का विरोध है इसमे आरबीआई ने भले कठोर निर्णय अर्थ व्यवस्था सुधार के लिए ले लिए हो, लेकिन स्वयं बैंक कर्मचारियों का इस मामले में विरोध है। इसलिए वे 20 जनवरी से 31 जनवरी तक इसके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करने वाले है। रतलाम में भी उपभोक्ताओं के साथ इस तरह की कटोत्री के खिलाफ प्रदर्शन होगा।
इतने रुपए लगेगा अब शुल्क – स्वयं की बैंक में ट्रांजेक्शन फ्री, अन्य बैंक में 50 रुपए शुल्क लगेगा। – एटीएम अगर लौटता है तो 100 रुपए दंड लगेगा। – बैंक से 10 हजार रुपए तक एनईएफट करवाले पर 2 रुपए शुल्क व सरचार्ज अलग से लगेगा।
– बैंक से आरजीएसटी 2 से 5 लाख रुपए तक करवाने पर 20 रुपए शुल्क व सर्विस कर। – इम्मीडिएट पैमेंट सर्विस के अंतर्गत 2500 रुपए तक भेजने पर 25 रुपए शुल्क लगेगा।
– स्वयं के चेक से रुपए निकालने पर 10 रुपए शुल्क।
– स्वयं के चेक से रुपए निकालने पर 10 रुपए शुल्क।
– तीसरा व्यक्ति आपके चेक से सिर्फ 10 हजार रुपए निकाल पाएगा। – बचत खाते में 2 लाख रुपए से अधिक प्रतिदिन जमा नहीं कर पाएंगे। – बचत खाते में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक जमा पर प्रति हजार पर 2.50 रुपए शुल्क।
– इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग पर 25 रुपए शुल्क प्रतिमाह। – एटीएम पीन व पासवर्ड के लिए 10 रुपए शुल्क लगेगा। निर्देश का पालन तो करना होगा आरबीआई के हर निर्देश को मानना बैक की बाध्यता है। जो बदलाव हुए है या होंगे, वह भी मानना जरूरी है।
– केके सक्सेना, लीड बैंक मैनेजर, रतलाम