पत्रिका से खास बातचीत के दौरान मनप्रीत ने कहा कि, इस समय भारत की अंडर 19 की क्रिकेट टीम वेस्टइंडिज के दौरे पर है। ये तय है जो टीम गई है, वो बड़ा काम करके आएगी। क्रिकेट की प्रतिभा के बारे में किए गए सवाल पर सिद्धू ने कहा कि, गांव हो या शहर, अब प्रतिभा को परेशानी नहीं है। हर जगह एक से बढ़कर एक ऐकेडमी चल रही है। सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर क्रिकेट नहीं सीखा जा सकता है।
यह भी पढ़ें- अगर आप में है ये खूबी तो जीत सकते हैं 51 हजार, आज ही करें आवेदन
मन बड़ा करना जरूरी
सिद्धू ने ये भी कहहा कि, कई बार एक खिलाड़ी को लगता है कि, उसका चयन नहीं हुआ, सब कुछ समाप्त हो गया, लेकिन ये अंतिम सत्य नहीं है। 1983 का विश्व कप इसका उदाहरण है। विपरीत परिस्थिति में हिम्मत रखकर जो कमाल किया गया, वो एक इतिहास हमेशा के लिए बन गया। इसलिए हिम्मत हारे बगैर परीश्रम सिर्फ मैदान पर करें, सफलता मिलने से कोई नहीं रोक सकता है। जहां-जहां गया, वहां वहां 13 से 19 वर्ष के उम्र के बच्चों में क्रिकेट काफी बेहतर है। एक क्रिकेटर के लिए सबसे अधिक जरूरी है। अनुशासन के बगैर सफलता नहीं मिलती है।
यह भी पढ़ें- फिर शुरू हो रही है ये एक्सप्रेस ट्रेन, जानिए आने-जाने का शेड्यूल
धोनी ने बदली रुचि
विकेट किपींग के मामले में कहा कि, महेंद्रसिंह धोनी ने क्रिकेट में खास बदलाव करके भारत में विकेट कीपरिंग के नियम बदल दिए हैं। पहले कीपर तलाशना होते थे, धोनी के खेल ने इस विधा के प्रति रुचि बढ़ाई है। भारतीय टीम में असिमित संभावना है और अगला विश्वकप भारत जितेगी। आईपीएल के आने के बाद फटाफट क्रिकेट ने खिलाड़ियों के लिए अधिक अवसर दिए है।
यहां देते है प्रशिक्षण सिद्धू
सिद्धू भारत के अलावा इंग्लेंड, आस्ट्रेलिया, यूएसए, टी-20 कनाडा क्रिकेट, लंका प्रीमियर लीग में भी प्रशिक्षण देने जाते है।