रतलाम। अस्पताल के कायाकल्प को लेकर चल रही मशक्कत के बीच पूरा जिला प्रशासन लग गया है लेकिन डेढ़ माह बाद भी ज्यादा सुधार होते नहीं देख अब प्रशासन ने सख्त रूख अपना लिया है। कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने पिछले सप्ताह ही अस्पताल प्रशासन और कायाकल्प के लिए गठित समितियों की बैठक लेकर दो टूक शब्दों में साफ कर दिया था कि काम नहीं होता है तो एफआईआर दर्ज होगी।
एक-एक बिंदुओं पर चर्चा उन्होंने सोमवार का समय दोबारा बैठक के लिए दिया था लेकिन किसी कारण से बैठक टल जाने से मंगलवार की सुबह ही अपर कलेक्टर डॉ. कैलाश बुंदेला अस्पताल पहुंच गए। दो घंटे से ज्यादा समय तक अस्पताल में रहने के दौरान उन्होंने एक-एक बिंदुओं पर चर्चा करके पूरे हो चुके और अधूरे कार्यों पर संबंधित समितियों के प्रभारियों के साथ मंथन किया। सूत्र बताते हैं कि आधे-अधूरे कार्यों को लेकर एडीएम ने सभी को कहा कि ऐसे तो कैसे अस्पताल का कायाकल्प हो पाएगा।
सर्जिकल वार्ड का फिर होगा मूल्यांकनजिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड का छज्जा गिरने के हादसे के बाद से न केवल मेटरनिटी वरन सर्जिकल और बर्न यूुनिट भी खाली करवाकर दूसरी जगह स्थानांतरित कर दी गई। ये दोनों ही भवन इस समय पूरी तरह खाली पड़े हुए हैं। मंगलवार को बैठक लेने पहुंचे एडीएम डॉ. बुंदेला ने बैठक के बाद इन दोनों वार्डों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने देखा ये दोनों भवन उपयोग लायक है लेकिन लोनिवि ने इसे कंडम घोषित कर दिया। इस पर एडीएम ने इन दोनों भवनों का दोबारा मूल्यांकन करवाने का फैसला किया।
बैठक से पहले हटने लगे वाहनसीएमएचओ कार्यालय परिसर में पड़े कंडम और खराब वाहनों को हटाने का कई बार कहने के बाद भी नहीं हटाने पर पिछली बैठक में ही कलेक्टर ने खासी नाराजगी जताई थी। मंगलवार को फिर से बैठक होने की बात सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इन्हें सुबह अपर कलेक्टर की बैठक के दौरान ही हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। क्रैन लाकर इन वाहनों को यहां से खींचकर यहां से दूसरी जगह ले जाया गया। वाहन हटने से इस परिसर में काफी जगह निकल आएगी और पार्र्किंग हो सकेगी।
रात को फिर होगी बैठकसुबह एडीएम ने बैठक ली है ताकि रात को कलेक्टर द्वारा ली जाने वाली बैठक के पहले रिव्यू किया जा सके। बैठक में हर समिति के प्रभारी से प्रगति के बारे में जानकारी ली गई। बाद में वे सर्जिकल और बर्न यूनिट के भवन भी देखने गए।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल