मंडी सचिव एमएल बारसे ने बताया कि अब तक जिले के 700 के करीब किसानों ने उपज बेचने के बाद दस्तावेज जमा नहीं कराए। किसानों का वाट्सएप और मोबाइल लगाकर भी सूचना की जा रही है। सोयाबीन के 665 और मक्का के 3 किसान अब भी शेष है, जो 19 जनवरी तक अपने दस्तावेज मंडी कार्यालय में जमा करा दें, ताकि उन्हे योजना का लाभ मिल सकें। 15 जनवरी की स्थिति में अब तक 63317 सोयाबीन और 907 किसानों ने अपने दस्तावेज जमा कराए है।
खरीफ 2018 फ्लैट भावांतर भुगतान योजना अन्तर्गत जिले में सर्वाधिक खरीदी जावरा मंडी में की गई। सोयाबीन 22994 किसानों द्वारा 453072 क्विंटल बेची गई। जबकि रतलाम मंडी में 17645 किसानों द्वारा 408742 क्विंटल सोयाबीन तोली गई। इसी प्रकार सबसे कम सोयाबीन सैलाना मंडी में 6391 किसानों द्वारा 109334 क्विंटल बेची गई। जबकि मक्का सर्वाधिक रतलाम मंडी में 656 किसानों द्वारा 12214 क्विंटल और सबसे कम ताल मंडी में 35 किसानों द्वारा 74 क्विंटल बेची गई।