मामले में तब दोनों पक्षों के एक दर्जन लोगों पर केस दर्ज किया गया था। केस काफी लंबा चलता रहा और इसी दरमियान दो लोगों रितेश भदौरिया और रमेश सिंधी की मौत हो चुकी है। तृतीय जिला एवं सत्र कोर्ट में शनिवार को फैसले का दिन था। कोर्ट ने सुुबह करीब 12 बजे दोनों ही पक्षों की उपस्थिति में सजा का ऐलान कर दिया। फैसले के पहले कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में दोनों ग्रुप के समर्थक मौजूद थे। अंबर ग्रुप मयंक जाट और अन्य को छह साल की सजा सुनाई गई जबकि भदौरिया ग्रुप के भगतसिंह भदौरिया और अन्य को सात साल की सजा सुनाई गई।
रतलाम की डाट की पुलिया क्षेत्र में करीब 10 साल पहले 2012 में अंबर ग्रुप और भदौरिया गुट के बीच जमकर मारपीट हुई थी। मामले में शहर के भाजपा व कांग्रेस से जुड़े नेता दोनों पक्षों में शामिल थे। इस समय गोली और तलवार से हमला हुआ था और चार लोग घायल हुए थे। अंबर ग्रुप के साथ उस समय उजाला ग्रुप भी शामिल था और दोनों एक साथ मिले हुए थे। वारदात में चार लोग गंभीर घायल हुए थे। इनमें से दो का लंबा इलाज चला था। तब स्टेशन रोड थाने पर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।