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बड़ा फैसला, इस साल प्रदेश के किसान नहीं बेच पाएंगे अधिक प्याज, क्यों पढ़े पूरी खबर

locationरतलामPublished: May 01, 2019 12:24:07 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

बड़ा फैसला, इस साल प्रदेश के किसान नहीं बेच पाएंगे अधिक प्याज, क्यों पढ़े पूरी खबर

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बड़ा फैसला, इस साल प्रदेश के किसान नहीं बेच पाएंगे अधिक प्याज, क्यों पढ़े पूरी खबर

मंदसौर। इस साल प्रदेश के किसान दो हेक्टेयर से अधिक प्याज नहीं बैच पाएंगे, जबकि जिले में ऐसे कई किसान है जो 5 हेक्टेयर तक प्याज का उत्पादन करते है। समर्थन मूल्य पर प्याज की खरीदी 1 जून से होना है, इसके लिए नई गाईडलाइन उद्यानिकी विभाग के पास पहुंच गई है, जिसके अन्तर्गत इस वर्ष किसान दो हेक्टेयर तक ही प्याज योजनाअन्तर्गत बेच सकेगा।
यानि की प्रति हेक्टेयर 250 क्विंटल प्याज पंजीकृत किसान बेच सकेगा। उद्यानिकी विभाग की माने तो 15 से 31 मई तक पंजीयन किए जाएंगे। इसके बाद 1 से 30 जून तक प्याज की खरीदी होगी। उपसंचालक उद्यानिक विभाग मनीष चौहान ने बताया कि प्याज पंजीयन और खरीदी के लिए नवीन गाइड लाइन आई है। जिसमें दो हेक्टेयर तक किसान से 800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से योजनाअन्तर्गत खरीदी होगी।

जिले में 2620 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज
जिले में पिछले साल 2642 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज का उत्पादन हुआ था, जबकि इस साल किसान 2620 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज का उत्पादन कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान की स्वयं की जमीन पर खेती करने पर ही लाभ मिलेगा। फसल का पटवारी से सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा। चौहान ने बताया कि किसान का गिरदावरी पंजीयन होना अनिवार्य है। किराये की जमीन या लीज पर ली गई जमीन पर भी लाभ नहीं मिलेगा। योजना में शामिल होने के लिए हितग्राही को बी-1, बी-2 में नाम होकर पंजीकृत किसान की स्वयं की जमीन होना आवश्यक है।
चुनाव बाद जांच पूरी होगी
सर्वाधिक प्याज लहसुन-बैचने के मामले में रतलाम जिले के दस किसानों में से 2 किसानों की जांच मंदसौर जिला कलेक्टर के माध्यम से होना थी। जिसमें कमेटी तो गठित की गई, लेकिन जांच अब भी पूरी नहीं हो पाई है। इस संबंध में उपसंचालक उद्यानिकी मनीष चौहान ने बताया कि जांच कमेटी गठित की गई है, मंडी सचिव द्वारा रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराए गए थे, उस जांच में रिकार्ड बुलवाए है। चुनाव के बाद ही जांच पूरी होगी।
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