जिले में 2620 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज
जिले में पिछले साल 2642 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज का उत्पादन हुआ था, जबकि इस साल किसान 2620 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज का उत्पादन कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान की स्वयं की जमीन पर खेती करने पर ही लाभ मिलेगा। फसल का पटवारी से सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा। चौहान ने बताया कि किसान का गिरदावरी पंजीयन होना अनिवार्य है। किराये की जमीन या लीज पर ली गई जमीन पर भी लाभ नहीं मिलेगा। योजना में शामिल होने के लिए हितग्राही को बी-1, बी-2 में नाम होकर पंजीकृत किसान की स्वयं की जमीन होना आवश्यक है।
जिले में पिछले साल 2642 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज का उत्पादन हुआ था, जबकि इस साल किसान 2620 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज का उत्पादन कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान की स्वयं की जमीन पर खेती करने पर ही लाभ मिलेगा। फसल का पटवारी से सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा। चौहान ने बताया कि किसान का गिरदावरी पंजीयन होना अनिवार्य है। किराये की जमीन या लीज पर ली गई जमीन पर भी लाभ नहीं मिलेगा। योजना में शामिल होने के लिए हितग्राही को बी-1, बी-2 में नाम होकर पंजीकृत किसान की स्वयं की जमीन होना आवश्यक है।
चुनाव बाद जांच पूरी होगी
सर्वाधिक प्याज लहसुन-बैचने के मामले में रतलाम जिले के दस किसानों में से 2 किसानों की जांच मंदसौर जिला कलेक्टर के माध्यम से होना थी। जिसमें कमेटी तो गठित की गई, लेकिन जांच अब भी पूरी नहीं हो पाई है। इस संबंध में उपसंचालक उद्यानिकी मनीष चौहान ने बताया कि जांच कमेटी गठित की गई है, मंडी सचिव द्वारा रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराए गए थे, उस जांच में रिकार्ड बुलवाए है। चुनाव के बाद ही जांच पूरी होगी।
सर्वाधिक प्याज लहसुन-बैचने के मामले में रतलाम जिले के दस किसानों में से 2 किसानों की जांच मंदसौर जिला कलेक्टर के माध्यम से होना थी। जिसमें कमेटी तो गठित की गई, लेकिन जांच अब भी पूरी नहीं हो पाई है। इस संबंध में उपसंचालक उद्यानिकी मनीष चौहान ने बताया कि जांच कमेटी गठित की गई है, मंडी सचिव द्वारा रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराए गए थे, उस जांच में रिकार्ड बुलवाए है। चुनाव के बाद ही जांच पूरी होगी।