क्या कहता है कानून
1. वर्ष 1993 में हमारे देश में हाथ से मैला ढोने की प्रथा को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया था। वहीं, ऐसे मामलों में एक साल तक के कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया था।
2. देश में हाथ से मैला ढोने की प्रथा को लेकर 2013 में मैनुअल स्कैवेंजर्स के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 बनाया गया, लेकिन आज भी ऐसे दृश्य सामने आते हैं।
मंत्री बोले- निर्देश दिए जा रहे हैं
सवाल: आखिर तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं?
नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री ओपीएस भदौरिया को नगर निगम के इस रवैए पर अफसोस है, जबकि वे स्वयं शहर में थे। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि ऐसे मामलों में दोहराव न हो, इसके लिए निर्देश दिए जा रहे हैं। यहां सवाल उठता है कि जब घटना हो गई तो तुरंत एक्शन क्यों नहीं लिया जाता।