यह होगा फायदा
निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तीन साल पढऩे के बाद कई विद्यार्थी कॉलेज ही नहीं पहुंचते हैं जिससे उनकी उपस्थिति को लेकर दिक्कत खड़ी हो जाती है और कई बार कॉलेज अपने स्टूडेंट को बचाने के लिए उपस्थिति दर्शा देता रहा है। बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज होने से फायदा यह होगा कि कॉलेज के हर एक स्टॉफ को समय पर कॉलेज आना ही पड़ेगा और हर स्टूडेंट को भी कॉलेज आना ही पड़ेगा। जिस दिन स्टॉफ या स्टूडेंट नहीं आते हैं उस दिन अनुपस्थिति दर्ज हो जाएगी। इसके साथ ही कॉलेज में 100 फीसदी स्टूडेंट की उपस्थिति भी सुनिश्चित हो जाएगी।
डीन की होगी पूरी जिम्मेदार
मेडिकल कॉलेज के डीन की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे हर दिन बायोमेट्रिक उपस्थिति की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डिस्प्ले करे और इसकी जानकारी मुख्यालय भेजें। बायोमेट्रिक मशीनें लगाने और उनका संधारण करने की जवाबदारी भी गवर्निंग बॉडी ने डीन को ही सौंपी है। यह भी तय किया गया है कि स्टॉफ के आने का समय, जाने का समय, क्लासों का समय भी डीन को तय करके इसी हिसाब से सभी की उपस्थिति बायोमेट्रिक डिवाइस से लेने के लिए कहा गया है। कालेज का सभी तरह का स्टॉफ भी बायोमेट्रिक डिवाइस से ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।
निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तीन साल पढऩे के बाद कई विद्यार्थी कॉलेज ही नहीं पहुंचते हैं जिससे उनकी उपस्थिति को लेकर दिक्कत खड़ी हो जाती है और कई बार कॉलेज अपने स्टूडेंट को बचाने के लिए उपस्थिति दर्शा देता रहा है। बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज होने से फायदा यह होगा कि कॉलेज के हर एक स्टॉफ को समय पर कॉलेज आना ही पड़ेगा और हर स्टूडेंट को भी कॉलेज आना ही पड़ेगा। जिस दिन स्टॉफ या स्टूडेंट नहीं आते हैं उस दिन अनुपस्थिति दर्ज हो जाएगी। इसके साथ ही कॉलेज में 100 फीसदी स्टूडेंट की उपस्थिति भी सुनिश्चित हो जाएगी।
डीन की होगी पूरी जिम्मेदार
मेडिकल कॉलेज के डीन की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे हर दिन बायोमेट्रिक उपस्थिति की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डिस्प्ले करे और इसकी जानकारी मुख्यालय भेजें। बायोमेट्रिक मशीनें लगाने और उनका संधारण करने की जवाबदारी भी गवर्निंग बॉडी ने डीन को ही सौंपी है। यह भी तय किया गया है कि स्टॉफ के आने का समय, जाने का समय, क्लासों का समय भी डीन को तय करके इसी हिसाब से सभी की उपस्थिति बायोमेट्रिक डिवाइस से लेने के लिए कहा गया है। कालेज का सभी तरह का स्टॉफ भी बायोमेट्रिक डिवाइस से ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।
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सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए अनिवार्य
एमसीआई के स्थान पर कार्य कर रहे बोर्ड ऑफ गवर्नर ने गजट नोटिफिकेशन करके सभी कॉलेजों में स्टूडेंट और स्टॉफ के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। ये उपस्थिति डीन के माध्यम से वेबसाइट पर आएगी और उन्हें इसे प्रदर्शित करना पड़ेगा। बायोमेट्रिक डिलाइस का रखरखाव भी कॉलेज प्रशासन को ही करना पड़ेगा।
आरएस शर्मा, कुलपति एमपीएमएसयू, जबलपुर
सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए अनिवार्य
एमसीआई के स्थान पर कार्य कर रहे बोर्ड ऑफ गवर्नर ने गजट नोटिफिकेशन करके सभी कॉलेजों में स्टूडेंट और स्टॉफ के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। ये उपस्थिति डीन के माध्यम से वेबसाइट पर आएगी और उन्हें इसे प्रदर्शित करना पड़ेगा। बायोमेट्रिक डिलाइस का रखरखाव भी कॉलेज प्रशासन को ही करना पड़ेगा।
आरएस शर्मा, कुलपति एमपीएमएसयू, जबलपुर