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भाजपा की इस नेत्री पर लगे आरोप तो पार्टी ने कर लिया किनारा

locationरतलामPublished: Jul 21, 2018 08:35:45 pm

Submitted by:

sachin trivedi

भाजपा की इस नेत्री पर लगे आरोप तो पार्टी ने कर लिया किनारा

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रतलाम. कांग्रेस की जनजागरण यात्रा में धानमंडी की सभा के दौरान प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी का महापौर पर 45 फीसदी कमीशनखोरी का आरोप राजनीतिक हलचल बढ़ा गया है। कांग्रेस के पार्षद इस आरोप का बचाव कर निगम पर हमले तेज कर रहे है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा शहर के प्रथम नागरिक पर लगे आरोपों पर अब तक मौन है। न तो महापौर परिषद और ना ही संगठन की ओर से कोई अधिकृत बयान ही सामने आया है।
पूर्व में इस तरह के आरोपों पर संगठन ने पक्ष रखा

जबकि पूर्व में इस तरह के आरोपों पर संगठन ने मजबूती के साथ नेताओं का पक्ष रखा। राजनीति के जानकारों की माने यह संगठन में फैली गुटबाजी के चलते हो रहा है। तमाम दावों के बाद भी शहर में भाजपा गुटबाजी से पार नहीं पा सकी है। बड़े पदाधिकारी एकजुटता प्रदर्शित कराने का प्रयास कर रहे है, लेकिन बनने वाले हालात कुछ और दर्शा रहे है। ताजा मामला बीते दिन कांग्रेस की जनजागरण यात्रा में खुले मंच से कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का महापौर डॉ. सुनीता यार्दे पर 45 प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप का है। निगम के सबसे बड़े पद पर बैठीं डॉ. यार्दे के बचाव में न तो संगठन सामने आ रहा है और न ही भाजपा के पार्षद और महापौर परिषद सदस्यों ने कांग्रेस को जवाब दिया है।

पहले खोला था पार्टी ने मजबूत मोर्चा
निगम में कमीशन और हस्तक्षेप कर आर्थिक नुकसान पहुंचाने से संबंधित आरोप सांसद कांतिलाल भूरिया और पूर्व महापौर पारस सकलेचा लगा चुके है। सीवर लाइन कंपनी पर मेहरबानी तथा धोलावाड़ में जले मोटर पंप के दौरान विधायक चेतन्य काश्यप पर इस तरह के आरोप लगे थे, लेकिन इन आरोपों पर भाजपा ने ना सिर्फ मजबूती से पलटवार किया, बल्कि महापौर परिषद सहित पार्षदों ने व्यक्तिगत बयान जारी कर विरोध किया था।

गुटबाजी के चलते बचाव में भी कमजोरी
राजनीतिक तौर पर हालिया मामले में महापौर का बचाव नहीं करने का प्रमुख कारण ज्यादातर पार्षदों की नाराजगी सामने आ रहा है। संगठन ने अपने को मामले से दूर रखा है तो पार्षद मनमुटाव के कारण महापौर का खुलकर समर्थन नहीं कर पा रहे है। इसकी बड़ी वजह भाजपा और पार्षद दल में गुटबाजी तथा दो धु्रवों पर पार्टी की स्थिति बनी है।
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