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हड्डियों की जांच में उलझा मौत का राज: चचेरे भाई-बहन की मौत का राज अब तक नहीं खुल सका

locationरतलामPublished: Feb 21, 2019 06:09:21 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

हड्डियों की जांच में उलझा मौत का राज: चचेरे भाई-बहन की मौत का राज अब तक नहीं खुल सका

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हड्डियों की जांच में उलझा मौत का राज: चचेरे भाई-बहन की मौत का राज अब तक नहीं खुल सका

रतलाम। जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर बाजना के डाबर मजरा में चचेरे भाई-बहन की मौत का राज डीएनए की जांच रिपोर्ट में उलझ कर रह गया है। घटना के सात माह बाद भी पुलिस जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई दोनों की मौत के बाद उनका शव भी जला दिया गया था। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने राख से मिली हड्डियों के टुकडे़ डीएनए जांच के लिए एफएसएल की लैब सागर और भोपाल में भेजे थे, लेकिन कमजोर मॉनीटरिंग के चलते पुलिस को अभी रिपोर्ट नहीं मिल पाई है।

दो अलग-अलग शहरों में हो रही जांच
बच्चों की मौत के बाद बिना पीएम के दोनों के शवों को जलाए जाने के बाद मामला ऑनर कीलिंग का माना जा रहा था। एेसे में पुलिस ने अलग-अलग लोगों से पूछताछ भी की लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी हासिल नहीं कर सकी, इसके चलते पुलिस की जांच रिपोर्ट पर अटक गई है। तालाब किनारे जहां शव जलाए गए थे, वहां से पुलिस ने दोनों के शरीर की अधजली हड्डियां और राख बरामद की थी। हडिड्यों में जहर है या नहीं, इसकी जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला में भेजी गई थी। डीएनए प्रोफ ाइल पहचान करने के लिए सागर व पानी में डूबने से मौत की जांच के लिए हड्डियां भोपाल प्रयोगशाला भेजी थी।

ये बात आ रही थी सामने

जांच अधिकारी आनंद भाभर ने बताया कि पहले दोनों के शव रस्सी और पत्थर से बंधे व हाथ पैर भी बंधे होने की बात सामने आई थी। परिजनों ने बयानों में बताया था कि अनिल व कविता 30 जून को रात में घर पर ही सोए थे, लेकिन मंगलवार सुबह दिखाई नहीं दिए थे। वे रिश्तेदारों व अन्य स्थानों पर तलाशते रहे थे, इस कारण से गुमशुदगी की सूचना थाने पर नहीं दी थी। 2 अगस्त २०१८ को कुछ बच्चे मवेशी चराने गए थे, तब उन्हें तालाब में शव दिखाई दिए थे।

ये था मामला

बाजना के डाबर मजरा निवासी अनिल उर्फ अंतु पिता परतु डोडियार 16 और उसकी चचेरी बहन कविता पिता हुरतन डोडियार 14 के शव 2 अगस्त २०१८ को सुबह ११ बजे के बीच गांव के ही खोरा तालाब में मिले थे। दोनों के शव कविता की चुनरी से बंधे हुए थे। शवों को निकालकर परिजनों ने जला दिया था।

इनका कहना है
नहीं आई जांच रिपोर्ट

– भोपाल व सागर प्रयोगशाला में भेजी गई जांच रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। डीएनए की रिपोर्ट आने के बाद ही दोनों की मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा। फिलहाल परिजन व ग्रामीणों के बयानों में कोई तथ्य निकलकर सामने नहीं आया है।
गौरव तिवारी, एसपी

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