दो अलग-अलग शहरों में हो रही जांच
बच्चों की मौत के बाद बिना पीएम के दोनों के शवों को जलाए जाने के बाद मामला ऑनर कीलिंग का माना जा रहा था। एेसे में पुलिस ने अलग-अलग लोगों से पूछताछ भी की लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी हासिल नहीं कर सकी, इसके चलते पुलिस की जांच रिपोर्ट पर अटक गई है। तालाब किनारे जहां शव जलाए गए थे, वहां से पुलिस ने दोनों के शरीर की अधजली हड्डियां और राख बरामद की थी। हडिड्यों में जहर है या नहीं, इसकी जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला में भेजी गई थी। डीएनए प्रोफ ाइल पहचान करने के लिए सागर व पानी में डूबने से मौत की जांच के लिए हड्डियां भोपाल प्रयोगशाला भेजी थी।
ये बात आ रही थी सामने
जांच अधिकारी आनंद भाभर ने बताया कि पहले दोनों के शव रस्सी और पत्थर से बंधे व हाथ पैर भी बंधे होने की बात सामने आई थी। परिजनों ने बयानों में बताया था कि अनिल व कविता 30 जून को रात में घर पर ही सोए थे, लेकिन मंगलवार सुबह दिखाई नहीं दिए थे। वे रिश्तेदारों व अन्य स्थानों पर तलाशते रहे थे, इस कारण से गुमशुदगी की सूचना थाने पर नहीं दी थी। 2 अगस्त २०१८ को कुछ बच्चे मवेशी चराने गए थे, तब उन्हें तालाब में शव दिखाई दिए थे।
ये था मामला
बाजना के डाबर मजरा निवासी अनिल उर्फ अंतु पिता परतु डोडियार 16 और उसकी चचेरी बहन कविता पिता हुरतन डोडियार 14 के शव 2 अगस्त २०१८ को सुबह ११ बजे के बीच गांव के ही खोरा तालाब में मिले थे। दोनों के शव कविता की चुनरी से बंधे हुए थे। शवों को निकालकर परिजनों ने जला दिया था।
इनका कहना है
नहीं आई जांच रिपोर्ट
– भोपाल व सागर प्रयोगशाला में भेजी गई जांच रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। डीएनए की रिपोर्ट आने के बाद ही दोनों की मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा। फिलहाल परिजन व ग्रामीणों के बयानों में कोई तथ्य निकलकर सामने नहीं आया है।
गौरव तिवारी, एसपी