राष्ट, उद्योग व श्रमिक हित की जो सोचे वो बीएमएस
रतलाम। देश को आगे बढ़ाना है तो जरूरी है कि राष्ट्रहित, उद्योगहित व श्रमिकहित तीनों के बारे में सोचते हुए आगे बढ़ा जाए। ये काम सिर्फ भारतीय रेल मजदूर संघ करता है। इस बात की जानकारी अब कम लोगों को है कि राजनीति में यहां तक के सफर की शुरुआत भारतीय मजदूर संघ से ही हुई थी। ये बात केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. थावरचंद गेहलोत ने कही। वे शनिवार को रेलवे खेल मैदान में भारतीय रेल मजदूर संघ के दो दिन के अधिवेशन की शुरुआत करते हुए बोल रहे थे। इस अवसर पर अध्यक्षता शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने की।
मंत्री गेहलोत ने कहा कि चीन व जापान ने आजादी भारत के बाद पाई, लेकिन वो हमसे काफी आगे व हम पीछे है। निजीकरण सिर्फ रेलवे में नहीं, बल्कि समाज के हर क्षेत्र में हो रहा है। इस बारे में सभी को मिलकर सोचना होगा। अन्य संगठन मालिक हित व स्वहित की अधिक सोचते है, सिर्फ ये संगठन राष्ट्र से लेकर श्रमिक तक की सोचता है। इस बारे में सभी को चिंतन करना चाहिए। इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कार्यो के बारे में मंत्री ने बताया। मंत्री ने इस बात का भरोसा दिया कि वे रेल मंत्री को यहां दिए गए विभिन्न समस्याओं के बारे में बताएंगे।
बताया रेल से है पहचान
अध्यक्षता करते हुए शहर विधायक काश्यप ने कहा कि रतलाम की पहचान ही रेलवे की वजह से है। देश के हित के लिए चाहे जो नीति बने, जब तक श्रमिक व मजदूर खुशहाल नहीं होंगे, तब तक देश आगे नहीं बढ़ सकता। कांगे्रस ने हाल ही में प्रलोभन देकर सत्ता हासिल की है, लेकिन इन्होने ७० वर्षो में वो कार्य नहीं किया जो मोदी सरकार ने किया है। न्यूनतम मजदूरी की गणना के समय इसको ४० प्रतिशत मोदी सरकार ने बढ़ाया है।
ये भी हुआ आयोजन में
अधिवेशन को महामंत्री अशौक शुक्ला, अध्या मंगलेश देशपांडे, उदय पटवर्धन, रेखा मोघे, सुल्तानसिंह शेखावत, एमपीङ्क्षसह, केपीसिंह, धर्मदास शुक्ला, शिवलहरी शर्मा, सुनील दुबे, प्रशांत पांडे सहित अन्य ने संबोधन दिया। अधिवेशन में रेल कर्मचारियों की मांग के अनेक प्रस्ताव पारित किए गए। बाद में बिजनेस सम्मेलन के पूर्व रैली निकली जो नगर के विभिन्न क्षेत्र से होती हुई रेलवे स्टेशन पर पहुंची। यहां पर देर तक रेल श्रमिक व वर्तमान हालात पर चर्चा हुई।