scriptकिसने कहा…जो पसीने से नहाता है, वह इतिहास बदल सकता | Breaking Jain Saints News | Patrika News

किसने कहा…जो पसीने से नहाता है, वह इतिहास बदल सकता

locationरतलामPublished: Dec 03, 2018 10:28:23 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

किसने कहा…जो पसीने से नहाता है, वह इतिहास बदल सकता

patrika

किसने कहा…जो पसीने से नहाता है, वह इतिहास बदल सकता

रतलाम। जिनशासनरत्न आचार्यश्री जिनचन्द्रसागरसूरि महाराज बन्धु बेलड़ी की निश्रा में दो दिनी प्रसंगी त्रिवेणी में गुरुदेव अभयसागरसूरि महाराज के 32वें पुण्य स्मरण पर गुरु गुणानुवाद सभा, मालारोपण और रथयात्रा चढ़ावा में बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए। यहां सूरत की मुमुक्षु सिलोनी निश्छलभाई देसाई को आचार्यश्री भगवती दीक्षा का मंगलमय मुहूर्त प्रदान किया गया।
आचार्यश्री ने इस मौके पर कहा की जो पानी से नहाता है, वह लिबास बदल सकता है और जो पसीने से नहाता है, वह इतिहास बदल सकता है। सिलोनी बहन भी इतिहास बदलने जा रही है। उन्होंने 22 वर्ष की आयु में ही इस सत्य को समझ लिया है कि दीक्षा जीवन ही मनुष्य जन्म की सार्थकता है। उनका यह संयम संकल्प अनुकरणीय है। सूरत निवासी देसाई चन्द्रकान्त भाई केशवलाल परिवार की 22 वर्षीय मुमुक्षु बहन सिलोनी को आचार्यश्री ने सूरत में रविवार 26 मई 2019 का भगवती दीक्षा मुहूर्त प्रदान किया। इस मौके पर श्री देवसुर तपागच्छ जैन श्रीसंघ ने मुमुक्षु बहन का बहुमान किया। कार्यक्रम में सूरत श्रीसंघ के प्रतिनिधिमंडल ने आचार्यश्री दर्शन वंदन का लाभ लिया।
महाराज का तपस्वी जीवन हमारे लिए प्रेरणादायक
जयंतसेन धाम पर आयोजित गुणानुवाद सभा में आचार्यश्री ने कहा केवल साढ़े छह साल की उम्र में दीक्षा लेने वाले गुरुदेव अभयसागरसूरि महाराज का तपस्वी जीवन हमारे लिए प्रेरणादायक है, वे आध्यात्म योगी थे। वे ज्ञान के सागर और करुणा के अवतार थे। प्रखर प्रज्ञा सम्पन्न गुरुवर ने 13 साल की आयु में व्याकरण साहित्य और न्याय शास्त्र की डिग्री प्राप्त की थी। उन्होंने समाज को तप आराधना के माध्यम से सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन की उन्नति का मार्ग दिखाया। ऐसे गुरुदेव के पुण्य स्मरण पर गुरु गुणानुवाद कर हम अपने जीवन को सफल कर रहे है। इस स्मरण और गुणानुवाद की सार्थकता तभी है जब हम गुरुवेद के ज्ञान को केवल श्रवण तक ही नहीं बल्कि आचरण में आत्मसात कर जीवन को धन्य करें।
मालारोपण के चढ़ावे
इस अवसर पर उपधान मालारोपण के चढ़ावे हुए। जिसमें समाजजनों ने जिन शासन और आचार्यश्री के जयकारों के साथ हिस्सा लिया। उपधान मालारोपण चढ़ावे श्रावक जीवन की सर्वश्रेष्ठ 47 दिनी सुदीर्ध आराधना की मंगल पूर्णता स्वरूप मोक्षमाला परिधान के निमित्त हुए। उपधान तप पूर्णता पर 7 दिसंबर को रथयात्रा निकलेगी। जिसकी शुरुआत चौमुखीपुल से होगी। यात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से होकर बाजना बस स्टैंड जैन स्कूल प्रागण पहुंचेगी। इसके बाद जयंतसेन धाम पर कार्यक्रम होगा। 8 दिसंबर को मालारोपण कार्यक्रम में देशभर से श्रद्धालु शामिल होने आएंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो