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VIDEO तिथियों में गड़बड़ी का खुल गया राज, ये है इसकी वजह यहां पढ़े पूरी खबर

locationरतलामPublished: Jan 06, 2019 12:14:03 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

तिथियों में गड़बड़ी का खुल गया राज, ये है इसकी वजह यहां पढ़े पूरी खबर

Astrology

तिथियों में गड़बड़ी का खुल गया राज, ये है इसकी वजह यहां पढ़े पूरी खबर

रतलाम। तिथियों में आखिर क्यों गड़बड़ी हो रही है, इसके लिए ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन नारायण पैलेस में हो रही है, जिसमें कई राज खुले जो इस तीज त्योहार और तिथियों में हो रही गड़बड़ी से पर्दा उठाते नजर आए। ज्योतिष महाकुंभ में पहुंचे पंचांग कर्ताओं विद्वानों की माने तो वैष्णव संप्रदाय और शैव सम्प्रदाय के मानने से मतभेद नहीं है, यह सब सरकारी छुट्टियों का मानने से है जो शकसंवत के हिसाब से चलती है। विरोधाभास सरकार की छुट्टियों से हो रहा है, जो 1957 से चल रहा है। इसके लिए हम केंद्र सरकार से मैं यह अपील करूंगा की वह हमारे विक्रम संवत को लागू करें, ताकि सभी में एकरूपता आए। इसके लिए एक कमेटी गठित कर रहे हैंं, जो अपने झोन के हिसाब से काम करेंगी, क्योंकि हम विक्रम संवत को मानते है और उसे सभी जगह मान्यता मिलना चाहिए। ज्योतिष के आधार पर मालवांचल रतलाम में आने वाले समय में स्पात के औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने की संभावना है।
यह बात पत्रकारवार्ता के दौरान नारायणी पैलेस में पूर्व वनमंत्री नंदकिशोर पुरोहित ने कही। वे दो दिवसीय ज्योतिष महाकुंभ में हिस्सा लेने आए थे। पुरोहित ने बताया कि पंचांगों की मान्यता अलग-अलग होती है, तिथी, वार, नक्षत्र, योग एक हो जहां भी हो इस और बढऩे का प्रयास कर रहे हैं। इस समय विरोध नाम का संवतसर चल रहा है, इसलिए से यह चीजे लागू होगी नहीं। ज्योतिष का मतलब ज्योति यानि आंख और ईश पर ईश्वर, यानि की ईश्वर की आंख जो सम्पूर्ण ज्योतिष का ज्ञाता है वह ईश्वर की आंख कहलाता है। वह सम्पूर्ण प्रकृति के नेचर को बदलने की ताकत रखता है। जो ब्रह्ममुहूर्त, यानि सूर्यउदय के पूर्व उठकर अगर अध्यन करे, तीन दिन में उसके परिणाम अलग होंगे। बच्चों के आंखों के स्केनर उपर हो जाएंगे। पत्रकारवार्ता में व्यासाचार्य, महामंडलेश्वर उज्जैन, पं. भागीरथ जोशी, बजरंगगिरी महाराज, ललित पंथ, ज्योतिषाचार्य पं. संजय दवे आदि उपस्थित थे।
ज्योतिष अनुसार चुनाव परिणाम
पुरोहित ने बताया कि केंद्र की सरकार किसकी रहेगी पर पुरोहित ने बताया कि यह सब चुनाव तिथी पर निर्भर रहता है। किस तिथी को वार, नक्षत्र को चुनाव होंगे और परिणाम आएंगे, चुनाव होने पर पूरा जन समूह नेतृत्व करता है। दिनांक यह निर्धारित करती है कि इसका परिणाम क्या होगा। कौन मंत्री और विधायक बनेंगे। अगर आपके 1 से 10 तारिख के मध्य से चुनाव होते हैं तो सरकार को किसी न किसी का साथ लेना पड़ेगा। 11 से लेकर 20 तारिख के मध्य चुनाव होंगे तो सरकार का परिवर्तन निश्चित है। 20 से 31 तारिख तक के मध्य जब भी चुनाव होते है तो चुनाव परिणाम वर्तमान सरकार के पक्ष में ही आते हैं। लेकिन प्रदेश के चुनाव 28 को हुआ थे और परिणाम 11 को आया तो सरकार परिवर्तन हो गई। पंचांगों में सब कुछ लिखा हुआ है, लेकिन वह चुनाव कब हो रहे हैं उस पर आधारित होता है।

ज्योतिष अनंत ब्रह्माण्ड की आत्मानुभूति का प्रकाश है

ज्योतिष महाकुंभ के दो दिवसीय आयोजन 80 फीट रोड स्थित नारायणी पेलेस पर आयोजित किया गया। जिसमें पंचांगों की विसंगतियों पर विद्यवानों प्रकाश डालते हुए उन्हे दूर करने का निर्णय आपसी सहमति से लिया गया। पूर्व मंत्री नंदकिशोर पुरोहित ने बताया कि विसंगतियों को दूर करने के लिए प्राप्त निर्णय को सरकार द्वारा सहयोग व मान्यता दिलवाने के लिए विचारों पर प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि ज्योतिष अनंत ब्रह्माण्ड की जाग्रति की ज्ञान की आत्मानुभूति है। ब्रह्ममुहूर्त को अनंत ब्रह्माण्ड का और ब्राह्मणों का आत्मानुभूति का तेज बतलाया। महामंडलेश्वर व्यासाचार्य ने शास्त्रोक्त प्रमाण के अनुरूप तिथी में एक रूपता लाने के लिए सटिक प्रमाणों को प्रस्तुत किया। पं. भागीरथ जोशी ने वर्तमान मय में पंचांगों में उत्पन्न हो रही तिथी त्यौहारों की विसंगति की और मंच का ध्यान आकर्षित किया। इस ज्योतिष महाकुंभ में भारत के अलग-अलग प्रांतों से पंचांग निर्माणकर्ता सहित वास्तु ज्योतिष के मरमग्य विद्यमान उपस्थित रहे। 6 जनवरी महाकुंभ के द्वितीय सत्र में जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए निर्णय की एकरूपता पर प्रकाश डाला जाएगा। अतिथि परिचय पं. जितेंद्र नागर ने दिया। संचालन जयंत बैरागी ने किया। आभार पं. सुरेंद्र शर्मा ने माना।
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