पुरोहित ने बताया कि केंद्र की सरकार किसकी रहेगी पर पुरोहित ने बताया कि यह सब चुनाव तिथी पर निर्भर रहता है। किस तिथी को वार, नक्षत्र को चुनाव होंगे और परिणाम आएंगे, चुनाव होने पर पूरा जन समूह नेतृत्व करता है। दिनांक यह निर्धारित करती है कि इसका परिणाम क्या होगा। कौन मंत्री और विधायक बनेंगे। अगर आपके 1 से 10 तारिख के मध्य से चुनाव होते हैं तो सरकार को किसी न किसी का साथ लेना पड़ेगा। 11 से लेकर 20 तारिख के मध्य चुनाव होंगे तो सरकार का परिवर्तन निश्चित है। 20 से 31 तारिख तक के मध्य जब भी चुनाव होते है तो चुनाव परिणाम वर्तमान सरकार के पक्ष में ही आते हैं। लेकिन प्रदेश के चुनाव 28 को हुआ थे और परिणाम 11 को आया तो सरकार परिवर्तन हो गई। पंचांगों में सब कुछ लिखा हुआ है, लेकिन वह चुनाव कब हो रहे हैं उस पर आधारित होता है।
ज्योतिष अनंत ब्रह्माण्ड की आत्मानुभूति का प्रकाश है ज्योतिष महाकुंभ के दो दिवसीय आयोजन 80 फीट रोड स्थित नारायणी पेलेस पर आयोजित किया गया। जिसमें पंचांगों की विसंगतियों पर विद्यवानों प्रकाश डालते हुए उन्हे दूर करने का निर्णय आपसी सहमति से लिया गया। पूर्व मंत्री नंदकिशोर पुरोहित ने बताया कि विसंगतियों को दूर करने के लिए प्राप्त निर्णय को सरकार द्वारा सहयोग व मान्यता दिलवाने के लिए विचारों पर प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि ज्योतिष अनंत ब्रह्माण्ड की जाग्रति की ज्ञान की आत्मानुभूति है। ब्रह्ममुहूर्त को अनंत ब्रह्माण्ड का और ब्राह्मणों का आत्मानुभूति का तेज बतलाया। महामंडलेश्वर व्यासाचार्य ने शास्त्रोक्त प्रमाण के अनुरूप तिथी में एक रूपता लाने के लिए सटिक प्रमाणों को प्रस्तुत किया। पं. भागीरथ जोशी ने वर्तमान मय में पंचांगों में उत्पन्न हो रही तिथी त्यौहारों की विसंगति की और मंच का ध्यान आकर्षित किया। इस ज्योतिष महाकुंभ में भारत के अलग-अलग प्रांतों से पंचांग निर्माणकर्ता सहित वास्तु ज्योतिष के मरमग्य विद्यमान उपस्थित रहे। 6 जनवरी महाकुंभ के द्वितीय सत्र में जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए निर्णय की एकरूपता पर प्रकाश डाला जाएगा। अतिथि परिचय पं. जितेंद्र नागर ने दिया। संचालन जयंत बैरागी ने किया। आभार पं. सुरेंद्र शर्मा ने माना।