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यहां बरसा कुबेर खजाना…महालक्ष्मी का अद्भूत स्वर्ण आभूषण-मुद्रा से शृंगार

locationरतलामPublished: Nov 04, 2018 10:38:23 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

यहां बरसा कुबेर खजाना…महालक्ष्मी का अद्भूत स्वर्ण आभूषण-मुद्रा से शृंगार

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यहां बरसा कुबेर खजाना…महालक्ष्मी का अद्भूत स्वर्ण आभूषण-मुद्रा से शृंगार

रतलाम। माणकचौक की प्राचीन महालक्ष्मी के दरबार में मानो कुबेर का खजाना शृंगार के रूप में बरस रहा है, हजारों श्रद्धालु अब तक डेढ़ सौ करोड़ के नोटो के बंडल शृंगार स्वरूप माता के दरबार में पहुंचा चुके हैं। 16 शृंगार की सामग्री में स्वर्ण आभूषणों से भी माता मंदिर की तिजोरी, पेटियां और गर्भगृह जगमगा रहा है। बाजार में मंदी और नोटबंदी का असर भी बेअसर होता दिखाई दे रहा है। भक्तों की लम्बी-लम्बी कतार सुबह, दोपहर और शाम होते ही मंदिर परिसर में शृंगार सामग्री नोटों की गड्डियां और स्वर्ण आभूषण हाथों में लिए खड़ी नजर आती है। सबसे अधिक भीड महिलाओं की देखी जा रही है, तो यहीं आस्था कुबेर पोटली लेने के लिए भी धनतेरस के दिन दिखाई देगी।
मंदिर के संजय पुजारी ने बताया कि रविवार शाम से माता का शृंगार प्रारंभ हुआ तो दूसरी तरफ भक्तों के द्वारा देर रात तक स्वर्ण आभूषण, हिरे-मोती जवाहरात, नोटों की गड्डियों आदि शृंगार सामग्री लाने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। धनतेरस की सुबह ब्रह्ममुहूर्त में माता के शृंगार के दर्शनार्थ अतिथियों द्वारा आरती के बाद सुबह 4.30से 6 के मध्य मंदिर के पट खोल दिए जाएंगा। इसके बाद शुभ मुहूर्तो में सुबह से रात तक कुबेर पोटली के खजाने के साथ ही महालक्ष्मी का पाना भी महिलाओं को वितरण किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था के अन्तर्गत सीसीटीवी कैमरे और पुलिस जवान तैनात है।
डायमंड की पोषाख और मुकूट दमकें
महालक्ष्मी के साथ ही गर्भगृह में विराजमान मां सरस्वती और श्रीगणेश का अद्भूत शृंगार देखते ही बनता था, स्वर्ण आभूषण और मुद्रा से शृंगारित देवी-देवता लुभा लोगों को लुभा रहे थे। महालक्ष्मी को डायमंड की पोषाख और मुकूट आकर्षण का केंद्र बनते नजर आए। डायमंड के सेट के साथ ही रत्नों में हिरा, पन्ना, पुखराज, निलम अनगिनत रत्नों से युक्त अंगुठियां है। धनतेरस की पूर्व संध्या से मातारानी का अद्भूत शृंगार प्रारंभ किया जाएगा। धनतेरस की प्रात: महालक्ष्मी की आरती के साथ ही शृंगार दर्शन के लिए पट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद 24 घंटे भक्तों के लिए माता का दरबार पड़ती तक खुला रहेगा।
एक नजर में तैयारी
-1 से 2000 तक के नोटों की लडिय़ों से सजा मंदिर परिसर
– 15 बोरे और 5 पेटी नोट के बंडलों से भरी, 1 पेटी स्वर्ण आभूषणों से
-10-12 सेवक लगे दिन-रात लडिय़ां बनाने में लगे
-2-4 की सुरक्षागार्ड खजाने की सुरक्षा के लिए तैनात
-9 सीसीटीवी कैमरे रखे हुए चहुंओर नजर
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