स्वीकृत किए जा रहे हैं, यह उचित नहीं सहायक श्रमायुक्त रतलाम ने एक सर्कुलर जारी कर बताया है कि उनके कार्यालय के संज्ञान में आया है कि कतिपय बैंकों द्वारा श्रम विभाग द्वारा मप्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम-1958 के अंतर्गत जारी पंजीयन प्रमाण-पत्र (गुमास्ता के पंजीयन) को सत्यापित अभिलेख मानकर संस्थाओं के लोन स्वीकृत किए जा रहे हैं, यह उचित नहीं है। यह सर्कुलर सभी बैंकों को भी जारी किया गया है। मालूम हो कि रिजर्व बैंक की गाइड लाइन के बाद राष्ट्रीकृत बैंकों ने तो अपनी लोन पॉलिसी की समीक्षा करना शुरू कर दिया है, लेकिन अन्य बैंक कुछ खास नहीं कर रहे।
एक दिन में ऑनलाइन जारी हो रहे दस्तावेज
श्रम विभाग का तर्क है कि उक्त प्रमाण-पत्र व्यवसाईयों की सुविधा के लिये स्व-प्रमाणीकरण के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करने पर एक दिवस में जारी किये जा रहे हैं। जारी करने के पूर्व विभाग द्वारा संस्थानों के सत्यापन नहीं किये गये हैं। इसी आशय की चेतावनी ऑनलाइन जारी पंजीयन प्रमाण-पत्र पर भी अंकित है। उक्त पंजीयन को आधार मानकर किसी भी बैंक द्वारा लोन स्वीकृत किये जाते हैं तो इसके लिये श्रम विभाग की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी। यह सर्कुलर सभी बैंकों को भी जारी किया गया है। श्रम विभाग ने रतलाम जिले के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में अग्रणी बैंको को यह सर्कूुलर भेज दिया है।
श्रम विभाग का तर्क है कि उक्त प्रमाण-पत्र व्यवसाईयों की सुविधा के लिये स्व-प्रमाणीकरण के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करने पर एक दिवस में जारी किये जा रहे हैं। जारी करने के पूर्व विभाग द्वारा संस्थानों के सत्यापन नहीं किये गये हैं। इसी आशय की चेतावनी ऑनलाइन जारी पंजीयन प्रमाण-पत्र पर भी अंकित है। उक्त पंजीयन को आधार मानकर किसी भी बैंक द्वारा लोन स्वीकृत किये जाते हैं तो इसके लिये श्रम विभाग की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी। यह सर्कुलर सभी बैंकों को भी जारी किया गया है। श्रम विभाग ने रतलाम जिले के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में अग्रणी बैंको को यह सर्कूुलर भेज दिया है।