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क्या कहती हैं भाजपा महिला नेत्री
कॉलोनाइजर और बीजेपी महिला नेता पद्मा जायसवाल ने आरोप लगाया कि, ये कारवाई राजनीतिक द्वेषता के कारण हुई है। इस मामले में किसी पार्टी पदाधिकारी या नेता ने भी हमारी नही सुनी और ना ही मदद की है। जबकि मेने कभी संघठन में किसी पद के लिए कोइ डिमांड नही की, जो मुझे दायित्व सोपे गए, उन्हें मेने पूरी निष्ठा के साथ पूरा करने का प्रयास किया। महिला नेता ने बताया कि उनकी साढ़े 4 बीघा और पूर्व विधायक की 2 बीघा जमीन पर कार्य करने से पहले सारी अनुमति ली गई थी। डायवर्जन अनुमति पर जिन एसडीएम द्वारा अनुमति हस्ताक्षर कर अनुमति दी गई, उन्हीं एसडीएम ने आकर बगेर अनुमति निर्माण बताकर 3 करोड़ का निर्माण ध्वस्त कर दिया। महिला नेता ने बताया कि, 30 मार्च को कोलोनी बगेर अनुमति निर्माण को लेकर नोटिस दिया था और 7 दिन में जवाब मांगा था, 5 मार्च को 6वें दिन हम जवाब देने वॉले थे लेकिन प्रशासान सुबह आनन फानन में आकर कार्रवाई कर गया।
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इनपर भी कार्रवाई
इधर कोलोनी में 1 व्यक्ति ने 7 लाख में प्लाट खरीदकर मकान निर्माण भी कर लिया था। इसके अलावा एक आर.ओ प्लांट भी कोलोनी में संचालित था। प्रशासनिक कार्रवाई में इसे भी नष्ट कर दिया गया।
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पूर्व विधायक ने कही ये बात
वहीं, पूर्व ग्रामीण भाजपा विधायक मथुराललाल डामर ने बताया कि, 2 बीगा ज़मीन मेरे पुत्र की थी। मकान भी निर्माण किया जा चुका था। सारी परमिशन प्रशासन से लेने के बाद निर्माण किया गया था, लेकिन इस साब के बावजूद भी अतिक्रमण रोधी कारर्वाई का कारण समझ नहीं आ रहा है।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार?
प्रशासनिक अमले को साथ लेकर कार्रवाई के लिए आए एसडीएम मोहनलाल आर्य ने बताया कि, ग्राम पंचायत दत्ता गड़खेड़ा अंतर्गत ये सातरूंदा में कोलोनी बनी है, जिसे लेकर नोटिस दिया गया था लेकिन संतोषपूर्ण जवाब नही देने पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। इस मामले में कॉलोनाइजर एक्ट के तहत भी विकास की कोई अनुमति नही ली गई है।