script2019 lok sabha election चुनावी जुमलों के बीच वहीं खड़े हैं असली ‘चाय वाले’ और ‘चौकीदार’ | chaay vaale aur chaukeedaar election 2019 | Patrika News

2019 lok sabha election चुनावी जुमलों के बीच वहीं खड़े हैं असली ‘चाय वाले’ और ‘चौकीदार’

locationरतलामPublished: Mar 25, 2019 03:08:53 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

2019 lok sabha election चुनावी जुमलों के बीच वहीं खड़े हैं असली ‘चाय वाले’ और ‘चौकीदार’

chaay vaale aur chaukeedaar election 2019

chaay vaale aur chaukeedaar election 2019

रतलाम. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे में कथित अनियमितता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ‘चौकीदार चोर हैÓ का जुमला दिया तो भाजपा ने इसके जवाब में ‘मैं भी चौकीदार हूंÓ कैंम्पेन लांच कर दिया। पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी ने खुद को चायवाले के रूप में प्रचाचित किया था। इस सबके बीच पत्रिका टीम ने असली चायवालों और चौकीदारों से बात की, उनसे पूछा कि इस अभियान के बाद वे कैसा महसूस करते हैं। क्या खुद को अभियान से जुड़ा पाते हैं या फिर उनकी जिंदगी और लोगों के नजरिए में उनको लेकर कोई बदलाव आया तो ज्यादातर ने ‘नहींÓ का जवाब दिया।
chaay vaale aur chaukeedaar election 2019
गांव के चौकीदारों ने चर्चा के दौरान अपनी व्यथा बताई, बोले कि सरकार ने ११ साल से उनकी पगार नहीं बढ़ाई। समय पर वर्दी और भत्ते नहीं मिलते। किसी घटना में सूचना नहीं देने पर अफसरों की फटकार और सहन करनी पड़ती है। अब ‘चौकीदार चोर हैÓ और ‘मैं भी चौकीदार हूंÓ का जुमला चल रहा है। पत्रिका ने शहर में सिक्युरिटी गार्ड और गांवों में चौकीदारी करने वाले कोटवारों से इस बारे में चर्चा की तो उनका मानना था कि यह हमारे लिए ठीक नहीं है। कई लोग मजाक में अब चौकीदारों को पीएम साहब या मोदी जी कहकर संबोधित करने लगे हैं। चौकीदारों को नया संबोधन उपहास लगता है।
chaay vaale aur chaukeedaar election 2019
तीन पीढिय़ों से चौकीदारी कर रहे
जिला मुख्यालय से लगे गांव करमदी में चौकीदारी करने वाले बालाराम ने बताया कि चौकीदारी करना आसान काम नहीं होता है। हर चीज की जवाबदारी निभाना पड़ती है । गांवों में चौकीदारी करना तो और भी मुश्किल होता है क्योंकि रात में चौकीदारी करना और दिन में प्रशासन के गांव से जुड़े सारे कार्यों में सहयोग करना। ‘चौकीदार चोरÓ नहीं हो सकता है क्योंकि वह इमानदारी से अपना काम करता है। जो भी लोग चौकीदार शब्द का राजनीतिकरण कर रहे हैं वह गलत है। मेरी तीन पीढिय़ां चौकीदारी करती आई हैं। सरकार हमारे कल्याण के लिए कुछ करे तो हमारे नाम का इस्तेमाल करे। हम तो वहीं के वहीं हैं। कई साल से मानदेय नहीं बढ़ा। ऐसे में परिवार चलाना मुश्किल होता है। मोदी विरोधी हमें देखकर ‘चौकीदार चोर हैÓ कहकर मुस्कराने लगते हैं तो मोदी समर्थक मिलते हैं तो मुझे देखकर ‘मैं भी चौकीदार हूंÓ कहने लगते हैं। मुझे तो दोनों ही ठीक नहीं लगता है।
chaay vaale aur chaukeedaar election 2019
जिम्मेदारी वाला है चौकीदार शब्द
एमसीएच में (चौकीदारी) गार्ड की नौकरी करने वाले कन्हैयालाल दोनों ही राजनीतिक दलों द्वारा चौकीदार के लिए उपयोग किए जा रहे शब्दों को लेकर खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि देश के प्रधानमंत्री खुद को चौकीदार कहते हैं यह नहीं होना चाहिए। वे देश के सबसे बड़े पद पर बैठे हैं और अपने आप को चौकीदार कहते हैं तो गलत है। कन्हैयालाल का मानना है कि खुद को चौकीदार कहलाने पर हम गर्व महसूस करते हैं लेकिन राजनीतिक दल द्वारा ‘चौकीदार को चोरÓ कहना उनका अपमान है। कोई चौकीदार चोर नहीं होता है। वह तो रखवाली करने वाला इमानदार होता है जिसके जिम्मे चौकीदारी होती है। ऐसे ही कोई चौकीदार थोड़े ही बन जाता है।
chaay vaale aur chaukeedaar election 2019
तब भी बेचते थे चाय, अब भी वही
2014 के चुनाव के पहले चायवाले के रूप में नरेंद्र मोदी ने जो कैंपेन शुरू किया था। इसके बाद चाय वालों की पूछ परख जरूर बढ़ी थी, लेकिन उनके जीवन में कोई परिवर्तन हुआ हो एसा नहीं। यादव रेस्टोरेंट के संचालक अशोक यादव डालूमोदी बाजार चौराहे पर वर्षों से चाय और नाश्ते की दुकान संचालित करते हैं। वे पहले भी चाय बेचते थे, अब भी वही कर रहे हैं। आगे भी चाय ही बेचेंगे। केतली में चाय उड़लते हुए यादव ने कहा कि चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो उन्हें गरिमामयी शब्दों का उपयोग करना चाहिए जिससे कि संबंधित व्यक्ति को सामाजिक नुकसान नहीं हो। चायवाला कैंपेन तो फिर भी ठीक था लेकिन ‘चौकीदार चोर हैÓ ठीक नहीं लगता।
chaay vaale aur chaukeedaar election 2019
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो